अबरार अली, ब्यूरो चीफ, सिद्धार्थ नगर (यूपी), NIT:

वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही ने कहा कि पत्रकार को अपने काम से संतुष्टि तब मिलती है जब वह कोई ऐसी खबर लिखता है जिससे जनता का हित होता है। जनहित वाली आत्म संतुष्टिपरक खबरों के अन्वेषण में सूचना का अधिकार (आरटीआई) बेहद कारगर है।
श्री शाही रविवार को मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति की तरफ से आयोजित ‘पत्रकारिता और सूचना का अधिकार’ विषयक मीडिया कार्यशाला को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रहे थे। नगर निगम के सदन हाल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने पत्रकारों को आरटीआई के बेहतर प्रयोग के लिए कई महत्वपूर्ण टिप्स देते हुए कहा कि वर्तमान में गोरखपुर के विकास का दूसरा महत्वपूर्ण दौर चल रहा है।
विकास कार्य और बेहतर तरीके से हो सकें, इसके लिए मीडिया के साथी आरटीआई से वांछित सूचनाएं प्राप्त कर उसे खबरों के रूप में जनोपयोगी बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों में आरटीआई लगाएं और प्राप्त सूचनाओं को लोगों के सामने अलग खबरों के रूप में पहुंचाएं। कारण, आज के दौर में अखबार में गंभीरता से पढ़ा वही जाएगा जो सोशल मीडिया पर न आया हो।
श्री शाही ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है जानने का अधिकार और उस अधिकार की दिशा में सूचना का अधिकार पहली सीढ़ी है। समूचे सिस्टम में व्यापक बदलाव के लिए ब्यूरोक्रेसी में सुधार पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि टालमटोल के रवैये के बावजूद आरटीआई ब्यूरोक्रेसी पर नजर रखने का महत्वपूर्ण जरिया बनकर सामने आया है। कई दशक बाद सूचना का अधिकार मिला है इसलिए पत्रकारों को चाहिए कि वे खुद इसका अधिकाधिक इस्तेमाल करें और आमजन को भी इसके लिए जागरूक करें।
बतौर विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के आचार्य डॉ हर्ष कुमार सिन्हा ‘कुमार हर्ष’ ने कहा कि सूचना के अधिकार से पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। कई उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि देश में कई स्कैंडल, सिस्टम की खामी और भ्रष्टाचार के मामलों का खुलासा आरटीआई से हुआ है।
कुमार हर्ष ने कहा कि सूचना का अधिकार पत्रकारिता के लिए अनमोल हथियार है जो देश के लोगों के हित में सिस्टम की खामियों पर करारा प्रहार करने में उपयोगी है। सुपरिचित आरटीआई कार्यकर्ता आनंद रूंगटा ने आरटीआई से लाए गए कई बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि सूचना के अधिकार कानून ने अन्याय न सहन करने की ताकत दी है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि प्रथम आवेदन पर सूचना न मिले तो आगे क्या करना चाहिए।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि आरटीआई मीडिया के साथ आम आदमी के लिए भी ताकत है। ऐसे में जनता को आरटीआई के प्रति जागरूक करने के लिए आमजन के बीच भी ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन होना चाहिए। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार सिंह और प्रेम नारायण द्विवेदी ने आरटीआई के जरिये की गई पत्रकारिता के अनुभव को साझा किया। कार्यशाला में आगतों का स्वागत मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के अध्यक्ष अरविंद कुमार राय, आभार ज्ञापन महामंत्री कमलेश सिंह और संचालन वरिष्ठ पत्रकार शफी आजमी ने किया।
इस अवसर पर मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के उपाध्यक्ष धीरेंद्र गुप्ता, कोषाध्यक्ष सतीश पांडेय, मुनव्वर रिजवी, गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. योगेश सिंह, वरिष्ठ पत्रकार एसपी सिंह, प्रदीप श्रीवास्तव, गजेंद्र त्रिपाठी, भूपेंद्र द्विवेदी, हरेंद्र दूबे, पंकज श्रीवास्तव, अजीत यादव, सुभाष गुप्ता, दुर्गेश यादव, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि, वैरागी जी, रुपेश श्रीवास्तव, विनोद राय, जेपी गुप्ता, सिराज अहमद कुरैशी, भानु प्रताप सिंह समेत बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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