फैज़ान खान, नई दिल्ली, NIT:
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया वैसे ही मीडिया में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। आरक्षण विरोधी कुछ लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला देरी से सही लेकिन दुरुस्त आया है। उनका कहना है कि यह आरक्षण के जड़ से खत्म होने की शुरुआत है। ऐसे लोगों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आरक्षण पर सीधा हमला ना करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के माध्यम से जबरदस्त चोट की है, वह सही है। आरक्षण विरोधी खेमे में इस फैसले पर मिठाइयां बांटी जा रही हैं और खुशियां मनाई जा रही हैं। वहीं दलितों ने आरक्षण के समर्थन में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बड़े आंदोलन के लिए कमर कस ली है।
वहीं अनुसूचित जाति/जनजाति का एक बड़ा खेमा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रहा है। देश के कोने-कोने में बड़े आंदोलन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक पोस्ट ने देश भर में हमांगा खड़ा कर दिया है। पोस्ट में समस्त एससी-एसटी समाज की तरफ से आने वाली 21 अगस्त को सम्पूर्ण भारत बंद करने का ऐलान किया गया है। इस ऐलानिया दावे के बाद यह पोस्ट जबरदस्त वायरल हो रही है। दलित समाज के लगभग संगठन और संस्थाओं ने आरक्षण को बचाने किए 21 अगस्त भारत बंद के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी है।
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