तप करने वाले अपने कर्मों की निर्जरा कर मोक्ष मार्ग के पथिक बनते हैं: सा.श्री तत्वलताश्रीजी | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

तप करने वाले अपने कर्मों की निर्जरा कर मोक्ष मार्ग के पथिक बनते हैं: सा.श्री तत्वलताश्रीजी | New India Times

मेघनगर नगर के श्री राजेंद्र सूरी जैन ज्ञान मंदिर में ज्ञानतत्व तपोमय चातुर्मास हेतु विराजित पूज्य साध्वी श्री तत्वलताश्रीजी महाराज साहब ने बुधवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए तप के महत्व पर प्रकाश डाला।

वनगर में हो रही सामूहिक भद्रतप एवं सिद्धितप आराधकों को भी समझाते हुए कहा कि तपस्या जीवन को सुंदर बनाने का कार्य करती है। यदि हमने शुद्ध भावो के साथ, आराधना के साथ तपस्या की है, तो वह हमारे कर्मों की निर्जरा का और श्रेष्ठ माध्यम है और यह तपस्या ही हमें मोक्ष मार्ग का पथिक बनाती है। संघ के रजत कावड़िया ने जानकारी देते हुए बताया कि सामूहिक तपस्या का दूसरा पड़ाव संपन्न हुआ जिसमें तपस्वियों का 2 उपवास का बियाशना आयोजित हुआ जिसका लाभ, जैनरत्न स्व. श्री रणजीतसिंह संथारा साधिका केसरबाई बाफना की स्मृति में विनोद, अभिनव बाफना परिवार द्वारा लिया गया।

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