संदीप तिवारी, ब्यूरो चीफ, पन्ना (मप्र), NIT:
पन्ना जिले के जनपद गुन्नौर अंतर्गत अमानगंज क्षेत्र की चर्चित पंचायत श्री की ग्रामीणों ने वर्तमान सचिव सरपंच एवं पूर्व सचिव सरपंच की कलेक्टर पन्ना एवम् जिला पंचायत सीईओ के यहां भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। जहां ग्रामीणों ने लिखित आवेदन में जमकर धांधली के आरोप लगाए।
जहां शनिवार को शिकायत की जांच करने पहुंची टीम पहुंची जांच टीम में सब इंजीनियर सूरज तिवारी, धीरज चौधरी आर.ई.एस, बीबी गुप्ता पंचायत एसडीओ, आशीष शर्मा एपीओ, जांच करने पहुंचे जिनको ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। पक्षपात का आरोप लगने के बाद टीम बिना जांच किए ही लौट गई।
ग्रामीणों का कहना है कि इनकी जांच में हमें पक्षपात दिख रहा है हमने शिकायत किसी और निर्माण कार्य की लेकिन यह जांच दल भ्रष्टाचार में ही लिप्त सचिव वा उन्ही के लोगों के कहने पर निर्माण कर कहीं और के देख रहे हैं इससे स्पष्ट होता हे कि मौके पर जांच करने आए कर्मचारी निष्पक्ष जांच नहीं करेंगे
शिकायत कर्ताओं का कहना है जांच दल में जो अधिकारी हैं वह खुद पंचायत के मूल्यांकन जैसे कार्य देखते है और यह सभी पंचायत के इर्द-गिर्द रहते हैं हम कैसे भरोसा करें कि यह निष्पक्ष जांच करेंगे
वैसे गठित जांच दल ने खुद पाया कि पंचायत अंतर्गत नारायणपुर में तालाब खुदा नहीं लेकिन सचिव सरपंच ने 3 लाख 80 हजार निकाल लिए, इसी प्रकार वृक्षारोपण में एक भी पेड़ नहीं दिखा, गौशाला के पीछे चारागाह के लिए 11 लाख 88 हजार स्वीकृत हुए थे पैसे निकाल लिए गए लेकिन मौके पर एक भी चारा नहीं दिखाई दिया
आपको बता दें ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देते हुए प्रधान सचिव द्वारा गांव में कराए गए विकास कार्यों में धांधली का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों से जांच कराने की मांग की थी। लेकिन यह जांच उच्च अधिकारियों को ना सौंप कर उसी पंचायत में पदस्थ अधिकारियों को सौंप दी जिसके चलते शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है।
जांच के दौरान मीडिया भी मौजूद थी जहां इस जांच टीम में शामिल एक अधिकारी वार्ता शैली समज के परे थी उनका शिकायतकर्ता से कहना था की जांच के दौरान मीडिया नहीं रहेगी मीडिया क्यों नहीं रहेगी शांत तरीके से कम कर रहे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ से क्या दिक्कत। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जांच दल की यही सब बातों से स्पष्ट होता है कि जांच निष्पक्ष नहीं होगी सब लीपा पोती कर दिया जाएगा।
शिकायतकर्ता का कहना है जांच टीम ने पहले शनिवार को 11 सुबह का समय दिया इसके बाद 2.50 बजे गांव में आने का समय दिया था। आरोप है कि जब घंटों से जब अमानगंज कसवा में थी तो लेट पर लेट क्यों हो रही थी।
शिकायतकर्ता हरेंद्र ने बताया कि जब मैं जिला पंचायत सीईओ को फोन मिलाया जब कहीं यह मौके पर पंचायत में आए। उन्होंने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी पूर्व प्रधान सचिव वह वर्तमान प्रधान सचिव के प्रभाव में हैं। इसलिए भी जांच स्पष्ट नहीं हो सकती।
वही जांच टीम में शामिल आर ई एस धीरज चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि
शिकायतकर्ता जहां संतुष्ट नहीं है इसलिए हम साहब से बोलेंगे कि इस पंचायत की उच्च स्तरीय जांच कराना उचित होगा। इस आरोप प्रत्यारोप के दौर के बीच यह सब निष्पक्ष जांच में ही पता चल पाएगा पूरे मामले की सच्चाई क्या है।
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