नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
तीन दिन पहले मराठवाड़ा प्रादेशिक विभाग अकाल प्रबंधन बैठक से गायब 18 अभिभावक मंत्रियों की असंवेदनशीलता की खबर को पाटने के लिए बैठक में उपस्थित मंत्रियों में से गिरीश महाजन किसानों की सुद लेने खेतों की पगडंडियों पर पहुंचे। इसके पहले पूर्व मंत्री तथा भाजपा में प्रवेश के लिए प्रतीक्षारत ओबीसी नेता एकनाथ खडसे ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का जायज़ा लिया है। बीते दो साल से 20 मंत्रियों के सहारे एकनाथ शिंदे की लंगड़ी सरकार चलाने वाले देवेन्द्र फडणवीस इन दिनों आम लोगों के आंसुओं में शरीक हो कर अपना दुःख हलका कर रहे हैं। गिरीश महाजन ने रावेर, तांदूलवाडी, मुक्ताई नगर, जामनेर ब्लॉक का दौरा किया।
चक्रवात से किसानों के सैकड़ों मवेशी मारे जा चुके हैं, 5 हजार हेक्टेयर पर खड़ी केला बागान की खेती ज़मींदोज़ हो गई है। किसानों पीड़ितों को मानसिक आधार देने वाले बयानों से लेकर प्रशासन को पंचनामे के आदेश, कैमरे के सामने सरकार की वाहवाही जैसी रूटीन सेटअप से मिडिया के लिए हेडलाइन पैदा करी जा रही है। कुदरती प्रकोप के बाद सरकार में शामिल सदस्यो और विपक्षी दलों के नेताओं के तयशुदा बयान बच्चे बच्चे के मुहपाठ हो गए हैं। असली बात फसल बीमा कंपनी और सरकार के बीच की है, एक रुपए में बीमा कवरेज की गारंटी देने वाली कंपनीया सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है।
बीमा कंपनियों की ओर से किसानों के लिए कोई सहायता राशि जारी होगी इसकी संभावना काफ़ी कम है। बीते साल से घोषित किए जाने वाले अकाल को लेकर राज्य सरकार आज तक किसी भी ठोस निर्णय तक नहीं पहुंच सकी है। इससे आप सरकार के सरकार होने को लेकर संवैधानिक दायरे में किसी तर्कशील आधार को मजबूती दे सकते हैं।
लू से दर्जनों मौते-एक हि दिन में जामनेर में 11 और जलगांव में 8 अकस्मात मौतों से संविधान ने राज्य की सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। इन केसेस में कई मौतों का प्रमुख कारण लू को बताया जा रहा है, मेडिकल प्रशासन मंत्रियों के दबाव में आ कर सहम गया है। विपक्ष चार जून की प्रतीक्षा में मौनीबाबा बना बैठा है। प्लास्टिक बैग में खुले आम बिकने वाली जहरीली शराब और अकस्मात तरीके से होने वाली मौतों के फैक्टस को भी चेक किया जाना चाहिए।
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