किसी के भी भाग्य को चमकाने के लिए क्या जनता इतनी परेशान है? रावेर में तीसरी बार कमल खिलने के घोर आसार | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

19 अप्रैल को देश भर में कुल 110 सीटों पर मतदान होगा जिसमें महाराष्ट्र की रामटेक, नागपुर, भंडारा- गोंदिया, गड़चिरोली-चिमूर, चंद्रपुर यह 5 संसदीय सीटे शामिल है। महाविकास गठबंधन और भाजपा महायुती ने सीट शेयरिंग पुरा कर लिया है। उत्तर महाराष्ट्र में जलगांव सीट शिवसेना (UBT) और रावेर NCP (SP) को मिली है। भाजपा त्याग चुके पूर्व सांसद उन्मेश पाटील की दमदार कयादत में मराठा कार्ड के बूते जलगांव सीट से सेना के प्रत्याशी करण पवार की स्थिती काफ़ी मज़बूत है। एकनाथ खडसे की भाजपा में घरवापसी की खबरों से व्यतिथ NCP(SP) ने रावेर सीट पर अपनी बचीकुचि पकड़ पुरी तरह से तब खो दी जब पार्टी को उम्मीदवार के तौर पर श्रीराम पाटील के नाम की घोषणा करनी पड़ी। लेवा पाटीदार समाज के प्रभाव वाली इस सीट से पहले रविंद्र पाटील चुनाव हार चुके हैं। इस सीट पर मराठा कार्ड कभी भी सफ़ल नहीं हो सका है। रावेर से लडने के लिए श्रीराम पाटील, रविंद्र पाटील, संतोष चौधरी इन तीन नामो पर मंथन शुरू था। तीन महीने पहले भाजपा में दाखिल हुए धनवान नेता श्रीराम पाटील को NCP(SP) की सदस्यता ग्रहण करवाकर रावेर सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया।

भाजपा ने एकनाथ खडसे की पुत्र वधु रक्षा खडसे को तिसरी बार मैदान में उतारा है। रावेर संसदीय क्षेत्र मे लोग महंगाई बेरोजगारी से परेशान है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की विपक्ष की ओर से दिए गए किसी भी उम्मीदवार को स्वीकार कर ले। रावेर में NCP (SP) काफ़ी कमजोर लड़ाई लड़ रही है। बेहतर राजकीय समझ रखने वालो की यह राय है की अगर NCP प्रमुख शरद पवार इस सीट पर कांटे की टक्कर और पॉजिटिव नतीजा चाहते हैं तो लोकसेवक मधुकरराव चौधरी की पुत्र वधु प्रो अरुणा चौधरी अथवा चौधरी परिवार के किसी प्रभावी व्यक्तित्व को टिकट देने के बारे में सोचना चाहिए। फिलहाल रावेर सीट पर रक्षा खडसे के रूप में भारी वोटों के अंतर से लगातार तीसरी बार भाजपा का कमल खिलने के घोर आसार है।


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