मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, ब्यूरो चीफ, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
फ़रवरी 2024 में बुरहानपुर में प्रदेश स्तरीय सफ़ल स्टेट मीडिया मीट 2024 के बाद तीनों पत्रकार संगठन की ओर से सर्वधर्म होली मिलन समारोह आयोजित करने के बाद 04 अप्रैल 2024 को एक और नवाचार किया है। वैसे तो यूनाइटेड प्रेस ऑर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष रिज़वान अंसारी की ओर से भारत की आत्मा कहे जाने वाले दिवंगत पत्रकार स्वर्गीय पंडित माखनलाल चतुर्वेदी की याद में हर साल कार्यक्रम आयोजित किया जाता रहा है लेकिन इस बार कार्यक्रम की रूपरेखा बदल गई है। इस बार सशक्त पत्रकार समिति, यूनाइटेड प्रेस ऑर्गेनाइजेशन और राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा ने मिलकर यह आयोजन किया है। और स्वर्गीय माखनलाल चतुर्वेदी की याद को ताज़ा करने के साथ, उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के चुनाव पर्व 2024 में मतदाताओं को जागृत करने के लिए स्वीप कार्यक्रम अंतर्गत मतदान का प्रतिशत बढ़ाने की शपथ के साथ पत्रकारों का सम्मान समारोह का आयोजन एक निजी होटल में किया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती एवं माखनदादा के तेल चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया। तत्पश्चात बतौर अतिथि के रूप में शामिल हुए जिला पंचायत सीईओ श्रीमति सृष्टि जयंत देशमुख और एसडीएम श्रीमति पल्लवी पुराणिक का सम्मान तीनों संस्थाओं के पत्रकारों द्वारा किया गया।जिसके बाद पत्रकारों को लोकसभा चुनाव में अधिकतम मतदान करने हेतु जिला पंचायत सीईओ सृष्टि जयंत देशमुख द्वारा शपथ दिलाई गई। यूनाइटेड प्रेस आर्गेनाइजेशन के प्रदेश अध्यक्ष रिज़वान अंसारी ने पत्रकार संगठनों की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।वहीं पत्रकार निलेश महाजन ने माखनलाल चतुर्वेदी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में बाबई नामक स्थान पर हुआ था। प्राथमिक शिक्षा के बाद घर पर ही उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी, गुजराती आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। मात्र 16 वर्ष की आयु में वह शिक्षक बने, माखनलाल चतुर्वेदी (4 अप्रैल 1889-30 जनवरी 1968) भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं। वहीं सशक्त पत्रकार समिति के प्रदेश अध्यक्ष उमेश जंगाले ने अपने उद्बोधन में कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी जी सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के अनूठे हिंदी रचनाकार थे। प्रभा और कर्मवीर जैसे प्रतिष्ठत पत्रों के संपादक के रूप में उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ जोरदार प्रचार किया और नई पीढ़ी का आह्वान किया कि वह गुलामी की जंज़ीरों को तोड़ कर बाहर आए। इसके लिये उन्हें अनेक बार ब्रिटिश साम्राज्य का कोपभाजन बनना पड़ा। वे सच्चे देशप्रेमी थे और १९२१-२२ के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेते हुए जेल भी गए। युवा पत्रकार संजय दुबे ने पत्रकारिता की चुनौती विषय पर अपनी बात रखी। बता दे की पूर्व में हुए प्रदेश स्तरीय पत्रकारों के महासम्मेलन में किसी कारणवश कुछ पत्रकार सम्मान से छूट गए थे, जिनका सम्मान भी किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा के प्रदेश महासचिव मुल्ला तफज्जुल हुसैन मुलायमवाला ने सभी का आभार मानते हुए कहा कि पंडित माखनलाल चतुर्वेदी जी की कविताओं में देशप्रेम के साथ-साथ प्रकृति और प्रेम का भी चित्रण हुआ है, इसलिए वे सच्चे अर्थों में युग-चारण माने जाते हैं। इस दौरान जिले के सबसे अधिक पत्रकार कार्यक्रम में मौजूद रहे।
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