नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ़, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:
सार्वजनिक सेवाओं को आधार कार्ड से जुड़ने पर समय और धन की बचत होगी भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जाएगी इस लिए सिस्टम का डिजिटल होना ज़रूरी है। यह लाइने हमारे परम कार्य प्रतापी प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मुंह से सुनाई गई मालूम पड़ती है। धरातल पर क्या स्थिती है? ये जानने के लिए भाजपा मंत्रियों के निवासी शहरों में निकायों और पंचायतों के दफ़्तर जाकर आइए। मार्च 19 को हमने जामनेर सब रजिस्ट्रार कार्यालय से जुड़ी एक खबर प्रकाशित की थी। जिसमें खराब कॉम्प्युटर के कारण दो महीनों से आम लोगों का कौन कौन सा काम रुका पड़ा है इसका डिटेल दिया था। अब तक सब रजिस्ट्रार कार्यालय का वो कंप्यूटर रिपेयर नहीं कराया गया है। चक्कर काट काट कर परेशान लोग अधिकारियों और नेताओं को गालियों में ख़ूब प्यार दे रहे हैं। यही हाल नगर परिषद का है यहां महीनों से जन्म – मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए अर्जी दे चुके नागरिकों से कर्मचारी सीधे मुंह बात तक नहीं करते और बात करने के लिए मुंह खोलते हैं तो सिर्फ़ इतना बताते हैं की सर्वर डाउन है दाखिला नहीं मिलेगा आप जाओ। निगम का सारा का सारा स्टाफ लोकल है जो वोटर और वर्कर भी हैं। ये जनसेवक लोकसेवकों के हवेली की आन और नेताजी की शान को कायम रखने के लिए कोई कोताही नहीं बरतते। देश के लोकतंत्र को एक पार्टी एक नेता के मंत्र में पिरोने का प्रयास किया जा रहा है। देश के लिए नई सरकार चुनने के लिए चुनाव जारी है। EVM को लेकर फैलाए जा रहे रायते से बचिए बूथ पर जाकर अपने वोट के अधिकार का प्रयोग कीजिए। बहरहाल सत्तापक्ष के राजकाज में विपक्ष के नाम पर अप्रिय संगठनों और दलों के बैनर के सहारे जरा जरा सी बात पर काग़ज़ काला कर जेब खर्ची के लिए प्रशासन को आवेदन ज्ञापन देने वाले फोटो पसंद चमकू हैं कहां? क्या उनको यह समस्याएं दिखाई नहीं देती, पता नहीं। लेफ्ट के आंदोलनों में एक लाइन हमेशा कही जाती है जिसका DM उसका CM। तो फिर DM के लिए CM का मिनिस्टर और उसकी आवाम कोई मायने रखती है या नहीं। सिस्टम के सितम से त्रस्त जनता चाहती है कि जलगांव के जिलाधीश आयुष प्रसाद इन मामलों में संज्ञान ले।
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