रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

नूतन आचार्य हितेशचंद्र सूरीश्वर म. सा. ने शहर में शनिवार को प्रथम नगर प्रवेश किया। पाटोत्सव समिति के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी माणकमल भंडारी ने बताया कि स्थानीय महावीर चौक स्थित रिद्धि सिद्धि पार्श्वनाथ जैन मंदिर प्रांगण में सर्व प्रथम सौमेया कर आचार्य, साधु-साध्वियों की अगवानी की गई।
रिद्धि सिद्धि पार्श्वनाथ जैन मंदिर प्रांगण से आचार्य हितेशचंद्र सूरीशवर म. सा. के नगर प्रवेश के समय शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए रास्ते में सभी जैन मंदिरों के दर्शन कर महावीर स्वामी जैन मंदिर में प्रवेश किया। रास्ते में जगह-जगह पर आचार्य के आगमन को लेकर गहूंली कर महिलाओं एवं बालिकाओं ने मंगल गीत गाकर वातावरण को भक्ति मय बना दिया।
इसके बाद स्थानीय महावीर स्वामी जैन मंदिर प्रांगण में एक धर्म सभा का आयोजन किया गया। जिसमें आचार्य हितेशचंद्र सूरीश्वर म. सा. ने अपने मंगल प्रवचन में कहा कि धर्म आराधना करने का कोई समय नहीं होता है। उन्होंने समझाया कि समय का इन्तजार नहीं करना चाहिए।
धर्म आराधना करने की कोशिश करते रहना चाहिए जब हम दु:ख के समय में परमात्मा को याद करते हैं, तो हमें सुख के समय में ओरो के दुःख दर्द को भी भली भांति जान कर उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए। हमें अपना जीवन किसी की निंदा, अपमान या तिरस्कार करके व्यर्थ नहीं गंवानी चाहिए। माता-पिता की आज्ञा का पालन नहीं करने पर हमें इसके परिणाम बाद में ही मालूम होते हैं।
आचार्य हितेशचंद्र सूरीश्वर म. सा. ने साधु-साध्वियों की एकता एवं मान-सम्मान की बात करते हुए कहा कि अपमान या तिरस्कार करने वाले का भी सदैव सम्मान करना चाहिए। इस अवसर पर भीनमाल जैन संघ द्वारा आचार्य एवं सभी साधु साध्वीयों को काबली ओढाई गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रावक व श्राविका उपस्थित रहे। आचार्य एवं साधु-साध्वी यहां से विहार कर रेवतडा धर्म नगरी में प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेने के लिए रवाना हो गये हैं।
