वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है जनता द्वारा चुने गए जन प्रतिनिधियों द्वारा विकास और तरक्की के बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं देश दुनिया में नए ग्रामीण भारत की अनूठी तस्वीर पेश की जा रही है लेकिन खीरी जिले का एक गांव अब भी बदहाल सिस्टम के चंगुल में कुछ इस कदर जकड़ा है कि,वहां की बदहाली उस गांव की बेहाल जनता का दर्द बयान करने के लिए काफी है इस गांव का नाम तो सुथना बरसोला है लेकिन, बदनसीब ग्रामीणों की यहा कोई सुधि नहीं ले रहा है। इस गांव की आबादी लगभग सात हजार के करीब होगी कायदे से इस गांव में हर वो सरकारी इंतज़ाम होने चाहिए जिन्हें हम बुनियादी व्यवस्था कहते हैं लेकिन, बदनसीब गांव का आलम यह है कि पूरे गांव में ना तो सड़के है और ना ही समुचित नालियां।सूत्रों की माने तो यहा प्रधान व सचिव के द्वारा मनरेगा योजना में फर्जीवाड़ा, अपात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया गया आलम यह है कि सरकारी बाबू की गाड़ी का पहिया भी कीचड से सनी सड़क पर आकर फंस जाती है और जैसे सरकारी गाड़ी का पहिया आगे नहीं बढ़ता ठीक उसी तरह इस गांव की तरक्की भी थम सी गई है। मिली जानकारी मुताबिक ब्लाक निघासन क्षेत्र के सुथना बरसोला गांव में राम प्रसाद आलू वाले के मकान से श्रीपाल मिस्त्री के मकान तक जानी वाली सड़क पिछले 20 सालों से जर्जर हालत में है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि आलम यह है कि अब कोई यहां से पैदल निकलना दूभर हो गया है। गन्दा पानी और कीचड़ होने की वजह से लोग आए दिन बच्चे व बूढ़े गिरते-पड़ते रहते हैं। इसकी वजह से उन्हें गहरी चोट भी लगती है। गांव के बुजुर्ग महिला बताती हैं कि उन्हें याद है करीब 20 साल पहले यहां की सड़क बनी थी। उसके बाद से आज तक बनना तो दूर रिपेयरिंग भी नहीं की गई।स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रास्ता मुख्य मार्ग से जुड़ा है फिर भी जिम्मेदारो ने बनवाना उचित नहीं समझा लिहाजा इस सड़क से लोगों का हर समय जाना आना रहता है। सड़क की हालत ऐसी हो गई है कि कोई बाइक-स्कूटर या छोटी गाड़ियों से भी नहीं निकल सकता है।अक्सर बाइक-स्कूटर से जाने वाले स्लिप होकर गिर जाते हैं।स्थानीय निवासी नाम न छापने की शर्त पर दबी जुबान में बताया ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायत पर विभाग की तरफ से सड़क बनाने का काम तो नहीं किया गया, लेकिन अपनी खामियां छुपाने के लिए मनमाने ढंग से कुछ हिस्से में मिट्टी डालकर इसे छोड़ दिया गया अब यह मिट्टी बारिश में कीचड़ में तब्दील हो जाएगी। यहां पर नालियां तक नहीं बनाई गई हैं लोग सड़क को ही काट कर पानी निकलने का रास्ता बनाया गया है, जो कि सड़क पर निरन्तर ओवरफ्लो होकर बह रहा है।घरों का पानी भी इसी सड़क पर आकर जमा हो रहा है। ऐसे में रात के समय पैदल निकलने वाले लोगों को भी काफी परेशानी होती है। लोगों का कहना है कि इस सड़क पर स्ट्रीट लाइट का भी बंदोबस्त नहीं है।गांव के लोग सालों से गंदे पानी की निकासी व सड़क बनवाने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह मांग धरी की धरी रह गई। लोगों की मांग है कि इलाके में संबंधित अधिकारी जल्द से जल्द शिकायतों पर कार्रवाई करें।
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