रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/जिया उल हक कादरी, झाबुआ (मप्र), NIT:
प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्रीमती विधि सक्सेना के मार्गदर्शन में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अनीष कुमार मिश्रा एवं प्रथम जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा की अध्यक्षता तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल, अधिवक्ता विश्वास शाह की उपस्थिति में शासकीय पाॅलिटेक्निक महाविद्यालय झाबुआ में नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-के अंतर्गत एवं अन्य विषयों पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अनीष कुमार मिश्रा ने काॅलेज छात्रों को बताया कि विधिक साक्षरता का मतलब है कि हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानते हैं। हमें यह समझने में मदद करता है कि कानून कैसे काम करता है। विधिक साक्षरता महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें हमारे अधिकारों की रक्षा करने में मदद करता है।
जब हम अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं, तो हम उनका बचाव करने के लिए खड़े हो सकते हैं।
हम यह भी जान सकते हैं कि जब हमारे अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है तो हमें क्या करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को मूल अधिकार एवं मूल कर्तव्य तथा शिक्षा का अधिकार पर विस्तार से बताते हुए जानकारी दी उन्होंने बताया कि भारत में शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है।
इसके साथ ही लोक अदालत मध्यस्थता, न्यायालयीन प्रक्रिया की जानकारी भी दी। शिविर में प्रथम जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा ने पाॅस्को एक्ट विषय के बारे में बताते हुए कहा कि पोस्को एक्ट 2012 भारत का एक कानून है जो बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए बनाया गया है। यह कानून 14 नवंबर 2012 से लागू है।
इस कानून में बच्चों के साथ किए जाने वाले सभी प्रकार के यौन अपराधों को शामिल किया गया है जैसे कि दुष्कर्म, छेड़छाड़, अश्लील सामग्री दिखाना और पोर्नोग्राफी बनाना।
इस कानून में बच्चों के यौन शोषण के मामलों में सजा के प्रावधान भी कड़े किए गए हैं। पोस्को एक्ट के तहत किसी बच्चे के साथ यौन अपराध करने पर दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को न्यूनतम 7 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
यदि आप या आपका कोई परिचित बच्चे के यौन शोषण के शिकार हैं, तो कृपया तुरंत पुलिस को सूचित करें।
आप चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर भी संपर्क कर सकते हैं शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल ने आईटी एक्ट के बारे में विस्तार जानकारी के साथ काॅलेज छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने पढ़ाई पर ध्यान दे जिससे वे जीवन में एक अच्छा इंसान बने सके। उन्होंने छात्रों से नशे से दूर रहने की सलाह दी।
शिविर में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल विश्वास शाह द्वारा लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर यशवंत मण्डलोई ने किया एवं आभार काॅलेज प्राचार्य गिरीश गुप्ता ने माना। कार्यक्रम में काॅलेज स्टाॅफ एवं छात्र उपस्थित रहे।
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