मध्य प्रदेश में बस-ट्रकों की हड़ताल, ड्राइवरों ने स्टैंड पर खड़ी की बसें | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, इन्दौर (मप्र), NIT:

मध्य प्रदेश में बस-ट्रकों की हड़ताल, ड्राइवरों ने स्टैंड पर खड़ी की बसें | New India Times

मध्य प्रदेश में ड्राइवर हड़ताल पर हैं। अधिकतर जिलों में बसों के पहिए थमे हुए हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों के स्टैंड से बसें नहीं चल रही हैं।

अकेले इंदौर में करीब नौ सौ बसें बंद हैं।

यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग अपने निजी वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने पहुंचे तो पंपों पर भारी भीड़ लग गई। बालाघाट में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। ड्राइवर हिट एंड रन मामले में नए कानून का विरोध कर रहे हैं, जिसमें 10 साल की सजा और 07 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। कई जगह चक्काजाम भी किया है। इसके अलावा ट्रक ड्राइवर ने भी रात 2 बजे से ट्रक खड़े कर दिए हैं।

मध्य प्रदेश में बस-ट्रकों की हड़ताल, ड्राइवरों ने स्टैंड पर खड़ी की बसें | New India Times

हड़ताल ट्रांसपोर्टर्स ने नहीं, बल्कि सिर्फ ड्राइवर ने की है। अभी इसमें चार्टर्ड और अन्य ड्राइवर्स शामिल नहीं हुए हैं। भोपाल से सागर के लिए बस चलाने वाले ड्राइवर हेमराज कुशवाहा, सुनिल खराडी, ने कहा, मैं इस कानून की निंदा करता हूं। साथियों से कहना चाहता हूं कि वे भी इसका विरोध करें। मैंने बस आईएसबीटी पर खड़ी कर दी है। सभी बस वालों ने यहां बसें खड़ी की हैं। नादरा बस स्टैंड के भी यही हाल हैं। कोई गाड़ी नहीं चलाएगा। हम 10 साल की सजा नहीं भुगत सकते और न ही सात लाख रुपए जुर्माना भर सकते हैं।

ड्राइवर प्रदेश भर में कर रहे हड़ताल

• धार – मुंबई-आगरा हाइवे पर चक्का जाम कर दिया है।
इससे वाहनों में बैठे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जाम में एक एम्बुलेंस भी फंस गई।

• खंडवा: ड्राइवरों ने चक्का जाम कर दिया है। आवागमन के साधन नहीं मिलने से यात्री परेशान हो रहे हैं।
• आलीराजपुर: में भी बस और ट्रकों का संचालन नहीं हो रहा है।
• झाबुआ में भी बसों का संचालन व ट्रकों का व 4 वीलर का भी संचालन पूरी तरह से बंद है। यात्री भी परेशान हुए।

• देवास: बसें स्टैंड पर खड़ी हैं। ट्रकों के नेशनल हाईवे पर खड़े कर देने से इंदौर-देवास मार्ग पर जाम लग गया। इससे अन्य वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
• नर्मदापुरम: बस-ट्रक ड्राइवरों ने ओवरब्रिज चौराहे पर जाम लगा दिया। पुलिस मौके पर पहुंची और जाम को खुलवाया।
• शाजापुर : बस स्टैंड पर किसी भी यात्री बस को
आने नहीं दिया जा रहा है। ड्राइवरों ने तीन स्थानों पर चक्काजाम कर दिया। पुलिस चक्काजाम न करने की हिदायत दे रही है। •आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। ट्रक ड्राइवर भी हड़ताल पर हैं।
• दमोह: स्टैंड पर सभी यात्री बसें खड़ी कर दी गई हैं। कई लोग अपने बच्चों के साथ बस स्टैंड पहुंचे। उन्हें यहां आकर पता चला कि बसें नहीं चल रही हैं।
• सेंधवा: करीब 150 बसों के पहिए थम गए हैं।
• पीथमपुर: मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रक ड्राइवरों ने अपने ट्रक खड़े कर जाम लगा दिया। महू-नीमच मार्ग को भी जाम किया गया।

सब्जी की सप्लाई पर पड़ेगा असर
ट्रकों की हड़ताल से भोपाल की करोंद सब्जी मंडी में सप्लाई पर असर पड़ेगा। सोमवार सुबह मंडी में नियमित रूप से सब्जी आई। अभी प्रदेश की मंडियों से ही सब्जियां आ रही हैं। ट्रकों की हड़ताल ज़ारी रहती है तो मंगलवार को सप्लाई पर असर पड़ सकता है। बता दें कि करोंद मंडी से भोपाल के 80% हिस्से में सब्जी पहुंचती है।

इंदौर में करीब नौ सौ बसें बंद
इंदौर के सरवटे बस स्टैंड के इंचार्ज दिनेश पटेल ने बताया कि सरवटे से 425 से ज्यादा बसें, गंगवाल बस स्टैंड से 250 और तीन इमली से संचालित होने वाली 200 से ज्यादा बसों का संचालन आज नहीं हुआ। गंगवाल बस स्टैंड चौराहे पर बैरिकेड्स लगाकर रास्ते बंद कर दिए। कई चौराहों पर जाम लग गया। स्कूल बसें भी जाम में फंस गईं। महू वाले रास्ते पर आर्मी गाड़ी के फंसने की भी सूचना है। चार्टर्ड बसें भी बंद हैं। बसों के बंद होने से पीथमपुर, उज्जैन, सांवेर, महू के अपडाउनर्स भी परेशान हुए। पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लग गई। इंदौर में कई स्कूल-कॉलेज की बसें भी बंद रही। इससे पेरेंट्स और बच्चे परेशान हुए। इंदौर में एआईसीटीएसएल 400 और बाहर की 150 बसों का संचालन होता है एआईसीटीएसएल की पीआरओ मालासिंह ठाकुर ने बताया कि सभी बसें हड़ताल पर हैं। ड्राइवर डिपो में ही हैं। हड़ताल थमती है तो हम बसें चलाना शुरू कर देंगे। हड़ताल के कारण देवास, उज्जैन, महू व आसपास के शहरों से रोज अपडाउन करने वाले यात्रियों की फजीहत हो गई है।

चालक 10 लाख रुपए कहां से देगा और क्यों वह 7 साल की सज़ा भुगतेगा
इंदौर के बस ऑपरेटर ने कहा है कि ड्राइवर गाड़ी गलत नहीं चलाता है, इसलिए उन्हें आरटीओ से लाइसेंस मिला है। अब गाड़ी चलाने के दौरान अचानक कोई मवेशी आ जाए तो उसे उठाकर ले जाने से तो रहे। लाइसेंस में सजा का प्रावधान है तो हम गाड़ी चलाना ही छोड़ देंगे। चालकों का कहना है कि कोई गलती से हमारी गाड़ी में घुस गया और मौत हो गई तो ड्राइवर कैसे ज़िम्मेदार है। वह 10 लाख रुपए कहां से देगा और क्यों वह 7 साल की सजा भुगतेगा। इससे बेहतर तो गाड़ी नहीं चलाना है नए कानून के विरोध में ट्रक खड़ा किया भोपाल में ट्रक ड्राइवरों ने कहा, ‘नए कानून के विरोध में ट्रक खड़ा करने जा रहे है। सभी ड्राइवर यही कर रहे हैं। हम वैसे भी 10-12 हजार रुपए महीने कमाते हैं। अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो अब कोई दूसरा काम करेंगे, क्योंकि बच्चों का पेट पालना ही है पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतार ट्रक-टैंकरों की हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपों पर ईंधन की किल्लत शुरू हो गई है। जैसे ही इसका पता लोगों को लगा, वे पेट्रोल पंपों पर पहुंचने लगे। ऐसे में गाड़ियों की कतारें लग गईं।
13 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मिलता है।
• मध्यप्रदेश में 6 लाख से अधिक बस एवं ट्रक चलते हैं।
• 13 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार मिलता है। इसमें ड्राइवर-क्लीनर के अलावा अन्य शामिल हैं।
यही संख्या भोपाल और इंदौर में 60 हजार से अधिक है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र

ऑल मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, नई दिल्ली के चेयरमैन सीएल मुकाती ने बताया कि हमने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है। इसमें कानून वापस लेने के लिए पुनर्विचार करने की बात लिखी है। अगर सरकार कानून वापस लेने से मना करती है तो हम सब मिलकर आंदोलन के साथ चक्काजाम करेंगे। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, ‘हम 2 जनवरी को देशभर के ट्रांसपोटर्स की बैठक करने वाले हैं। इसमें आगे के निर्णय लिए जाएंगे। इस नियम के आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं।’ मदान ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने कहा, “हिट एंड रन के मामलों में कड़े कदम उठाने की जरूरत है और इसके पीछे सरकार का मकसद भी अच्छा है, लेकिन जो कानून प्रस्तावित है, उसमें कई सारी खामियां हैं। इस पर दोबारा सोचने की ज़रूरत है।


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