रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:
संभाग के झबुआ व दीगर जिलों से कल से गूंजने लगी शहनाईयां, 14 दिसंबर तक शहर में 80 शादियां व गहनों का बाजार दमका। एकादशी के साथ ही भगवान विष्णु शयन से जाग जाएंगे। सुबह मंदिरों में भगवान को शंख ध्वनि, घंटे-घड़ियाल की गूंज के बीच उठाया जाएगा पूजन-अभिषेक होगा। भगवान को फल और फरियाली व्यंजनों का महाभोग लगाया जाएगा। साथ ही महाआरती होगी। घरों में भी भगवान का पूजन होगा। शाम को गन्ने का मंडप सजाकर तुलसी विवाह होगा। देवउठनी एकादशी के साथ ही विवाह आदि मंगल कार्य शुरू हो जाएंगे। अबूझ मुहूर्त में विभिन्न समाजों में सामूहिक विवाह होंगे। इस बार देवउठनी एकादशी पर विशेष योग-संयोग भी बन रहे हैं। पंडितों के अनुसार रवि योग, सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग दिनभर रहेगा। इस दिन अबूझ मुहूर्त है।
देव प्रबोधिनी एकादशी के साथ ही गुरुवार से शहनाई के स्वर फिर गूंजने लगेगे। इससे दिवाली के बाद एक बार फिर बाजार में उछाल आएगा। व्यापारी अच्छी ग्राहकी होने की उम्मीद से खुश नजर आ रहे है तो बढ़ती महंगाई को दरकिनार कर लोगों ने भी जोरदार खरीदारी के जरिए बाजार में उत्साह को बढ़ा दिया है। ज्वेलरी, बर्तन, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की खरीदी खासी बढ़ गई है।
इस बार दिसंबर माह तक शहर में 80 विवाह समारोह होना है
नगर सहित जिलेभर में अच्छा व्यापार हो रहा है। विवाह समारोह के लिए शहर के मैरिज गार्डन पहले ही बुक हो गए थे। इसके अलावा स्नेह भोज के लिए लोगों ने मंदिर परिसर, धर्मशाला और खेल मैदान की भी बुकिंग कराई है। शादियों में शामियाने लगाने और बर्तन उपलब्ध कराने बालों के लिए भी यह सीजन शुभ स्वचित हो रहा है। व्यवसायी कहते हैं, उनके यहां पहले से ही शादियों के लिए बुकिंग हो चुकी थी। दिक्कतें उन लोगों की है, जिनके परिवार में हाल ही में शादी तय हुई है। ऐसे में उन्हें टेट, बैड और घोड़ी की व्यवस्था करने में काफी मशक्कत करना पड़ रही है। इस बार दिसंबर माह तक शहर में 80 विवाह समारोह होना है।
देव प्रोबोधिनी एकादसी से शुरू होते हैं शुभकार्य
ज्योतिषाचार्य पं. हिमांशु शुक्ल ने बताया कार्तिक मास में आने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवोत्थान, देवउठनी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है। यह एकादशी दीपावली के बाद आती है। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयन करते हैं और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन उठते हैं. इसलिए इसे देवोत्थान एकादशी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह शयन के बाद जागते हैं। भगवान विष्णु के शब्नकाल के चार मास में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं, इसलिए देव प्रबोधिनी एकादशी पर श्री हरि के जागने के बाद शुभ तथा मांगलिक कार्य शुरू होते हैं।
लग्नसरा में सराफा, कपड़ा, बर्तन व फर्नीचर का कैसा है बाजार
1. सराफाः सराफा व्यापारियों की माने तो सीजन काफी अच्छा है। व्यापार कितना हुआ और होगा इसका अनुमान लगाना मुस्किल है। क्योंकि भाव प्रतिदिन घटते-बढ़ते रहते हैं। सराफा कारोबारी गोपाल सोनी के अनुसार जिन परिवारों में शादिया है, उन्होंने दिवाली के समय ही शगुन का सोना बांदी खरीद लिया था। अब दिसंबर तक शहर में एक करोड़ से अधिक का व्यापार होने की उम्मीद है।
2. कपड़ा बाजारः व्यापारी वर्धमान कलेक्शन द्वारा रोजाना लोग बड़ी संख्या में खरीदी करने आ रहे हैं। ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र की भी ग्राहकी जमकर हो रही है। शादी का सीजन होने से वर्क साड़ियों का केज अधिक है। ग्राहक मेचिंग व मल्टी कलर कपड़ों की मांग अधिक कर रहे हैं। शहर में कपड़ों की छोटी-बड़ी 25 से 30 दुकानें है। शादी-ब्याह के चलते महंगाई का असर नहीं दिख रहा है। महिलाएं महंगी साड़ियों की डिमांड कर रही है। 500 रुपये से लेकर 10 हजार रुपए तक की साड़ियां बाजार में बिक रही है।
3. बर्तन: शादी-ब्याह के सीजन के कारण बर्तनों की मांग बढ़ गई है। कई लोग शगुन के तौर पर भी बर्तनों की खरीदी कर रहे हैं। बर्तन व्यवसाई आशीष श्रीमाल ने बताया कि धनतेरस से ही खरीदी का दौर शुरू हो गया था। अब शादी-ब्याह के लिए लोग बर्तन लेने आ रहे हैं।
4. फर्नीचर बाजारः व्यापारी के मुताबिक विवाह समारोह में वधु को उपहार देने के लिए डबल बेड, सोफा सेट, अलमारी और ड्रेसिंग टेबल की खासी मांग है। बाजार में दिवाली के समय से ही तेजी बनी हुई है। इस सीजन में शहर में 20 लाख तक कारोबार होने का अनुमान है। ये रहेंगे विवाह के मुहूर्त
नवंबर- 23, 24, 27, 28, 29
दिसंबर- 3, 4, 5, 6, 7, 9, 13, 14, 15 जनवरी 2024 – 16, 17, 20, 21, 22, 27, 28, 30, 31
जनवरी- 2024 – 4, 6, 7, 8, 12, 13, 17, 24, 25, 26, 29 (जानकारी पंडितों के अनुसार)।
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