जो व्यक्ति गुरु की निंदा करे उसे भव-भव में भटकना पड़ता है: अणुवत्स संयत मुनि | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

मेघनगर जो व्यक्ति गुरु की निंदा करे साधु साध्वी की निंदा करें उसे भव भव में भटकना पड़ता है।
उक्त उदगार श्री अणु स्वाध्याय भवन में धर्म सभा को संबोधित करते हुए अणु वत्स श्री संयत मुनि महाराज साहब ने व्यक्त किया। चातुर्मास प्रारंभ से ही चल रहे भगवती सूत्र का समापन करते हुए कहा कि गुरु के प्रति निष्ठा पूर्वक श्रद्धा होनी चाहिए। श्रावक श्राविकाओ को गुरु के बताए मार्ग पर दृढ़ता पूर्वक चलना चाहिए।

धर्म सभा को शुभेषमुनि म.सा. ने भी प्रेरक प्रसंग के माध्यम से समझाया। तप चक्रेश्वरी श्रीमती स्नेहलता बहन वागरेचा के 92 उपवास एवं श्रीमती लता पोरवाल व सपना वागरेचा के श्रेणी तप एवं अठाई तप पूर्ण होने पर नगर के 300 श्रावक श्राविकाओं ने एकासन तप करके तप की अनुमोदना की। कार्यक्रम में स्वाति धोका, सिद्धि वागरेचा एवं श्राविका मंडल रतलाम ने स्तवन की प्रस्तुति दी। तपस्या निमित हसमुखलाल मिश्रीमल वागरेचा परिवार और लोढ़ा परिवार थांदला द्वारा चोवीसी ओर जाप का आयोजन दोपहर में श्री अणु स्वाध्याय भवन पर किया गया। यशवंत बाफना ने 8 उपवास की बोली से सपना वागरेचा का बहुमान किया। उक्त जानकारी चातुर्मास समिति अध्यक्ष विपुल धोका ने बताया उक्त तपस्या उपलक्ष्य में दान राशि की घोषणा वागरेचा परिवार द्वारा की गई।

नवकार मंत्र के 9 लाख जाप का आयोजन स्थानक भवन में प्रतिदिन चल रहा है। जिसमें श्रावक श्राविकाओं उत्साह पूर्वक भाग ले रहे हैं। प्रत्येक रविवार को बच्चों का सुसंस्कार शिविर चल रहा है। सामुहिक एकासन का लाभ हसमुखलाल मिश्रीमल वागरेचा परिवार ने लिया। कार्यक्रम का संचालन विपुल धोका किया।


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