राजधानी भोपाल में दलित महिला अफ़सर के साथ हुई बर्बरता को लेकर सामाजिक सांगठनें हुईं आक्रोशित | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

राजधानी भोपाल में दलित महिला अफ़सर के साथ हुई बर्बरता को लेकर सामाजिक सांगठनें हुईं आक्रोशित | New India Times

मध्य प्रदेश के ज़िला बैतूल से न्याय यात्रा लेकर भोपाल पहुंची दलित महिला अफ़सर निशा बांगरे के साथ हुई बर्बरता को लेकर सभी समाज के वरिष्ट चिंतक, धर्मगुरुओं, गणमान्य नागरिकों, एवं सामाजिक संगठनों ने बुद्धभूमि महाविहार परिसर, चुनाभट्टी, कोलार रोड भोपाल में
सामूहिक रूप से विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश जताया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश में क़ानून का राज नहीं है, प्रशासनिक व्यवस्था ठप हो चुकी है। सरकार दलित, आदिवासी और वंचित तबकों के ख़िलाफ़ खुलकर काम कर रही है। दलित महिला अफ़सर निशा बाँगरे का मामला इसका सबसे ताज़ा उदाहरण है।

राजधानी भोपाल में दलित महिला अफ़सर के साथ हुई बर्बरता को लेकर सामाजिक सांगठनें हुईं आक्रोशित | New India Times

मध्य प्रदेश में रोज़ाना ऐसी घटनाएँ हो रही हैं लेकिन वह दबा दी जाती हैं। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह सामाजिक न्याय की लड़ाई है और सरकार को हर हाल में झुकना पड़ेगा। पूज्य भंते शाक्यपुत्र सागर ठीक ने कहा कि निशा बाँगरे के मामले से स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश की सरकार पूरी तरह से दलित, आदिवासी और महिला विरोधी है और इसका लोकतांत्रिक मूल्यों में भी कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही यह मामला राजनीतिक दिखाई दे रहा है लेकिन यह मामला सीधे तौर पर हाशिये पर तबकों को और पीछे धकेलना का है, जो कि सोची समझी रणनीति है।

वरिष्ठ चिंतक एवं समाजसेवी श्री राजेंद्र कोठारी ने कहा कि यह सरकारकी तानाशाही है। इसका डटकर मुक़ाबला करना होगा। इस सरकार को किसी का भय नहीं है।
फादर आनंद मूटूँगल ने चुनाव के वक्त भी सरकार दलितों के साथ तानाशाही कर रही है, इसका मतलब उसे न दलितों के वोट चाहिए ना आदिवासियों के। यह निश्चित रूप से समाज की अवहेलना है। सिख समाज के श्री गुरूचरण अरोरा ने कहा कि ऐसी घटनाओं के ख़िलाफ़ पूरा समाज एकजुट है। पूरे प्रदेश में इसका जमकर विरोध किया जाये। वरिष्ट सामाजिक चिंतक श्री सतीश पुरोहित ने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति या समाज की बात नहीं है बल्कि मानवीय मूल्यों और गरिमा की बात है। इसलिए सर्व समाज सरकार के इस अत्याचारी कृत्य की निंदा कर रहा है।

एडवोकेट कलीम, महासचीव जमियत उलमा मध्य प्रदेश ने कहा कि अन्याय, अत्याचार और सामाजिक असमानता का गढ़ बना मध्यप्रदेश कार्यक्रम में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, जमियत उलमा मध्य प्रदेश, ईसाई महासभा, सर्वधर्म सद्भभावना मंच,अहिरवार समाज संघ, भारतीय बौद्ध महासभा, बुद्धभूमि महाविहार उपासक संघ, मैत्रीय बुद्ध महाविहार उपासिका संघ, रविदासीय संघठन मध्य प्रदेश, लुंबिनी बुद्ध विहार महिला मंडल, अंबेडकर युवा संघठन,अवेरनेश ऑफ एनजीओ एवं विभिन्न संघठन का समर्थन मिला।

इस अवसर पर महाराज राधाकृष्ण, भंते राहुलपुत्र, डॉ मोहनलाल पाटील, महासचिव ,आरपीआई, माधोसिंह अहिरवार, अध्यक्ष,रविदासिया संघठन, राजेश अहिरवार, अध्यक्ष, अहिरवार समाज,अनिल सिरवैया,वरिष्ट चिंतक, हाजी मोहम्मद इमरान हारून, राहुल जाधव, प्रदीप रामटेके, राजु भारतीय,संगीता गोलियां, वंदना मुलताइकर, सुनिता शेजवाल, सुशीला गजभिए, शोभा चहांदे, डॉ आदिल, वैशाली मनहर, नंदनी मेश्राम , डॉ सतीश सोमकुंवर, हाफिज़ इस्माईल बेग,अनिल वानखेड़े आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।

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