अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में होम्योपैथिक छात्र छात्राएं पिछले 5 दिनों से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । ऐसे में आज एनएसयूआई मेडिकल विंग भी होम्योपैथिक स्टूडेंट्स के समर्थन में उतर आई है। इस मैके पर रवि परमार ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी सरकार चल रही है। सबको दिखाई दे रहा है चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाली प्रदेश एक मात्र शासकीय विश्वविद्यालय में अयोग्य और घोटालेबाज कुलपति अशोक खंडेलवाल को बैठाया है, तब से विश्वविद्यालय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।लाखों छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। विश्वविद्यालय में आए दिन नये-नये घोटाले उजागर हो रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राओं की ना परीक्षा समय पर हो पा रही ना ही डिग्री समय पर मिल रही हैं।

परमार ने हड़ताली छात्र छात्राओं की जायज़ मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को तत्काल सभी मांगों पूरी करनी चाहिए। परमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो एनएसयूआई मेडिकल विंग राजभवन घेराव करने को मजबूर होगी। परमार ने यह भी कहा कि वे कांग्रेस नेताओं से मिलकर होम्योपैथिक स्टूडेंट्स की समस्याओं को रखेंगे और कांग्रेस सरकार आते ही उनकी मांगें पूरी हो इस दिशा में कार्य करेंगे ।
ये हैं होम्योपैथिक स्टूडेंट्स की मांगे
1.) मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत लोक सेवा आयोग द्वारा होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी हेतु प्रतिवर्ष नवीन पदों को सृजित किया जावे एवं मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न निकाय (नगरनिगम, पुलिस विभाग, वनविभाग, जेल विभाग इत्यादि) में प्रतिवर्ष नियमित भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी कर परीक्षा आयोजित कराई जाये।
2.) म.प्र. के होम्योपैथिक के प्रशिक्षुओं (intern’s), गृह चिकित्सकों तथा स्नातकोत्तर अध्येताओं को दी जाने वाली शिष्यवृति (stipend) में वृद्धि कर अन्य विभागों की तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से जोड़, प्रतिवर्ष वृद्धी CPI के आधार पर हो।
3.) मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर अध्येताओं की परीक्षा एवं अन्य शैक्षणिक गतिविधियों की विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक कैलेंडर अनुसार पूर्ण किया जाय। सत्र 2018-19 एवं 2019-20 की विलंब से चल रही शैक्षणिक गतिविधियां समय से पूर्ण कराई जाये।
4.) प्रदेश के होम्योपैथिक स्नातकोत्तर अध्येताओं को अन्य राज्यों कि तरह उचित सवेतन चिकित्सीय अवकाश (Paid Medical Leave) प्रदान किया जाए।