हिन्दी है देश की शान तो हिन्दी ही बोलिए: अंतर्राष्ट्रीय गीतकार अब्दुल सलाम खोकर रतलामी | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी/पंकज बडोला, झाबुआ (मप्र), NIT:

अखिल भारतीय कवि सम्मेल रतलाम में आयोजित इश्क का भूत चप्पल से गया। घूरती है मुहल्ले की औरतें किसने कहा था तु शायर हो जा रिटायर्ड के बाद कम सैलरी देख पत्नी बोली अच्छा हो तूं जल्दी से रिटायर हो जा। ऐसे हास्य मिसरे पर रतलाम रेल मंडल कार्यालय के राजभाषा विभाग के तहत आयोजित हिन्दी पखवाड़ा में आयोजित कवि सम्मेलन में संचालन संयोजन अब्दुल सलाम खोकर के उक्त हजल के शैर आयोजन की शान भी कविता सम्मेलन की पहचान भी बनें।

हिन्दी व उर्दू के मशहूर कवि शायर अंतरास्ट्रीय गीतकार खोकर रतलामी की स्टाईल व हाजिर जवाबी मोलिक स्वरचित चुटकुले व टिप्पणियां सदन में तालियां की दाद के साथ सराही गयी तों विभा शुक्ला पर निसार पठान रम्भापुर की हास्य टिप्पणी ये बनारस की वदे भारत नयी एक्सप्रेस है। खूबसूरती देख हर कोई चकरा जाता है आदमी तों ठीक जानवर तक टकरा जाता है पर ख़ूब ठहाके लगे।
सुश्री विभा शुक्ला ने देख कर काजल हर सख्स पागल हो गया व मुहब्बत की शायरी से युवा वर्ग पर अमिट छाप छोड़ी।

विभा शुक्ला की गीत गजलों पर झूम उठे रेलकर्मी राजभाषा पखवाड़ा में रतलाम रेल मंडल का अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न

लाजवाब रही डीपीएम द्वारा स्वागत करने के दौरान फ़ूल देने में संकोच पर कवियों ने उक्त टिप्पणी को कविता में निशान बनाया ‌हास्य धमाका शाजापुर के अशोक नागर ने मुक्तक गीत व चुनावी स्थति पर जहां खूब गुदगुदाया तों चिंतन से चेतना के द्वार पर दस्तक देते हुए कविता से संदेश दिया।

प्रविण अत्रे खरगोन व राजगढ़ ब्यावरा के गोस्वामी ने भी खूब हंसाया ओजस्वी कवि निसार पठान रम्भापुरी ने देशभक्ति का संचार किया तों गीत गणगोर के नाम से प्रसिद्ध डाक्टर मोहन बैरागी के संस्कारित गीत हिन्दी पखवाड़ा में संदेश वाहक बनें। तीन घंटे तक चले उक्त हास्य व्यंग कवि सम्मेलन रेलकर्मियों का स्टाफ जहां परिवार सहित आनंदित होता रहा तों स्वागत अभिनन्दन श्रीमति अग्रवाल व डीपीईएम श्री यादव ने किया।
आभार राजभाषा के श्री सेन ने माना।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading