कासिम खलील, बुलढाणा (महाराष्ट्र), NIT; महाराष्ट्र शासन के अन्न नागरी आपुर्ती व ग्राहक संरक्षण विभाग द्वारा जनता को कम दामों में अनाज मुहय्या कराया जाता है ताकी गरीब लोग किसी तरह अपना पेट भर सकें, लेकिन देखा जा रहा है की राशन के अनाज से गरीब जनता का तो नही बल्की राशन माफिया और आपुर्ती विभाग के अधिकारी और कर्मीयो का पेट भर रहा है। बुलढाणा जिले की राशन तस्करी की बेनकाब हुई घटनाओं को देखें तो पता चलता है की यहाँ पर हजारों क्विंटल अनाज का घोटाला हो रहा है।
बुलढाणा जिला आपुर्ती विभाग से ली गई जानकारी के अनुसार जिले के नागरी व ग्रामीण भाग में कुल 1 हजार 537 राशन की दुकानें हैं जहाँ से लाभार्थीयों को सस्ते दाम में अनाज वितरीत किया जाता है। इस शासकीय वितरण प्रणाली में सुधार और अनाज की कालाबाजारी को रोकने के लिये शासन कुछ ना कुछ सुधार और परिवर्तन करती रहेती है।
बुलढाणा जिले में कुल 5 लाख 50 हजार राशन कार्ड धारक हैं। फिलहाल आपुर्ती विभाग द्वारा अंत्योदय, अन्न सुरक्षा (प्राधान्य) और किसान इन तीन योजनाओं के तहत अनाज वितरीत किया जा रहा है। जिले में अंत्योदय योजना के 65 हजार 929 कार्डधारक है जिन्हें प्रतिमाह चावल 9 हजार 310 क्विंटल तथा गेहूं 13 हजार 960 क्विंटल दिया जाता है। अन्न सुरक्षा (प्राधान्य) योजना के जिले में कुल 15 लाख 40 हजार 103 लाभार्थी हैं जिन्हें चावल 30 हजार 260 क्विंटल और गेहूं 45 हजार 380 क्विंटल दिया जाता है। इसी प्रकार किसान योजना के 4 लाख 31 हजार 121 लाभार्थी हैं जिन्हें चावल 4 हजार 310 क्विंटल और गेहूं 17 हजार 240 क्विंटल वितरीत होता है। प्रतिमाह बुलढाणा जिले को 1 लाख 20 हजार 460 क्वींटल अर्थात 12 हजार 46 मेट्रिक टन अनाज शासन द्वारा मुहैय्या कराया जाता है।
बुलढाणा जिले को मिलने वाले राशन के अनाज का आंकडा देखकर सिर चकराने लगता है। अब सवाल यह खडा होता है की क्या वाकई में यह पुरा अनाज लाभार्थियों तक पहुंचता है? जी नहीं, प्रतिमाह हजारों क्विंटल अनाज कालाबाजारी में चला जाता है और गरीब लाभार्थी इस अनाज से वंचित रहे जाते हैं।
ई-पॉज मशीन का उपयोग नहीं
शासन ने शासकीय वितरण प्रणाली को पारदर्शक बनाने और राशन के अनाज की कालाबाजारी को रोकने के लिये एक नई व्यवस्था अमल में लाई है। बुलढाणा जिले के 1537 राशन दुकान चालकों को 1537 ई-पॉज मशीन पिछले 3 माह पहले दी गई है। जो भी लाभार्थी राशन दुकान पर अनाज लेने के लिये जाएगा उसका अंगुठा मशीन पर लगाया जाएगा और मशीन में फिट किया गया कुल अनाज का आंकडा कम होता चला जाएगा। माह के अंत में जब राशन दुकानदार तहसिल आपुर्ती निरिक्षक के पास अगले माह के अनाज की चालान लेने के लिये पहुंचेगा तो उसे साथ में ई-पॉज मशीन से निकलने वाली रसीद जिसे क्लोजिंग बैलेंस कहा जाता है वह पेश करना है। ई-पॉज मशीन से निकली इस रसीद में यह दर्ज होता है की दुकानदार के पास कितना अनाज बचा हुआ है और इसी के आधार पर उसे अगले माह का अनाज दिया जाएगा। यह एक मशीन करीब 27 हजार रूपए की है जो शासन ने मुफ्त में राशन दुकानदारों की दी है। देखा जा रहा है कि दुकानदार इस मशीन का उपयोग ही नहीं कर रहे हैं और अगर कुछ दुकानदार मशीन का उपयोग कर रहे हैं किंतु आपुर्ती निरिक्षक को मशीन से निकलने वाली ‘क्लोजिंग बैलेंस’ की रसीद ही नहीं दे रहे हैं और आपुर्ती निरीक्षक भी आँखे बंद करके अनाज का पुरा कोटा पास कर रहा है। बुलढाणा जिले को शासन ने 4 करोड 14 लाख से अधिक की ई-पॉज मशीने उपलब्ध जरूर कराई है किंतु आपुर्ती विभाग की अनदेखी के कारण यह मशीनें उपयोग में नही आ रही हैं और आज भी राशन अनाज की कालाबाजारी बेझिझक चल रही है।
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