रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
स्वास्थ्य विभाग डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए चाहे जितने दावे कर रहा है, लेकिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अब तो डेंगू के चलते एक नौ साल की बच्ची की मौत भी हो गई, लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारियों को 24 घंटे बीतने के बावजूद इसकी कोई जानकारी नहीं है।
बताया जाता है कि डीआरपी लाइन में पदस्थ और मूल रूप से मेघनगर के पास रंभापुर के रहने वाले आरक्षक मनीष खतेडिया की बेटी नव्या को डेंगू डिटेक्ट हुआ था। ऐसे में परिजन उसे 29 अगस्त को सीमावर्ती गुजरात राज्य के दाहोद में स्थित निजी अस्पताल में उपचार के लिए ले गए थे।
जहां डॉक्टर ने उसकी हालत देखते हुए उसे भर्ती कर लिया।
उपचार के दौरान नव्या की मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग अभी केवल लार्वा सर्वे में ही उलझा है
मरीजों का कोई अधिकृत आंकड़ा उनके पास उपलब्ध नहीं है।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. डीएस सिसोदिया और जिला ऐपीडेमियोलॉजिस्ट डॉ.रामनिवास द्वारा ग्राम बिलीडोज का भ्रमण किया गया। दावा किया गया कि उन्होंने उप स्वास्थ्य केन्द्र की इंचार्ज सीएचओ से सम्पर्क कर बीमारी के सम्बन्ध में जानकारी ली।
विकासखंड के प्रभारी मलेरिया निरीक्षक धनसिंह चौहान के अनुसार गांव में सघन लार्वा सर्वे भी किया गया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के फील्ड वर्कर नारायण वसुनिया और रमेश भूरिया से फोगिंग कार्य करवा कर ग्रामीणों को वाहक रोग से संरक्षित किया गया।
इस बात का ध्यान रखें
घरों में एक सप्ताह से अधिक जमा पानी से भरे कन्टेनर, पानी की टंकी, घरों में रखे पानी के बर्तन, कूलर, सीमेंट की हौदी, घर की छतों पर जमा बेकार टायर, फूलदान, सीमेट टंकी तथा अन्य पानी के कन्टेनर को खाली कर दे। लार्वा पाये जाने पर तत्काल कन्टेनरों में लार्वानाशक का छिड़काव करवाए।
अभी पुष्टि नहीं हो पाई है
सुनने में जरूर आया है, लेकिन गुजरात राज्य में उपचार होने से अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।
डॉ. डीएस सिसोदिया, जिला मलेरिया अधिकारी, झाबुआ
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