मेघनगर के सामाजिक कार्यकर्ता नीरज श्रीवास्तव का एक और सराहनीय कार्य | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

मेघनगर के सामाजिक कार्यकर्ता नीरज श्रीवास्तव का एक और सराहनीय कार्य | New India Times

राजपूत रेजीमेंट के 77 वर्षीय सेवानिवृत्त फौजी कानपुर से भटककर झाबुआ पहुचे थे यह उत्तर प्रदेश के कानपुर सिसामऊ से लापता हुए फौजी गंगा शंकर तिवारी झाबुआ आदिवासी बाहुल्य जिले में मिले इन्हें मेघनगर के सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र श्रीवास्तव (नीरज) की मदद से घर का पता लगाकर घर वापसी कराई गई गंगा शंकर तिवारी मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है ओर वो कुछ दिन पहले भटकते हुए मध्य प्रदेश के झाबुआ आ गए थे।

यहां मौजीपाडा क्षेत्र में रहने वाली निजी स्कूल की शिक्षिका सुरभि परमार ने उन्हें अपने घर के बाहर देखा तो उनसे उनका पता ठिकाना पूछा।

मानसिक रूप से कमज़ोर होने के कारण वे कुछ भी नहीं बता पा रहे थे।

सुरभि ने उन्हें आश्रय दिया व घर परिवार के बारे में जानने के प्रयास किये, उनके पास जेब मे से दो परिचय पत्र मिले, जिसमे आधार कार्ड व सेवा निवृत्त सैनिक कार्ड पर पता दर्ज मिला पर किसी के सम्पर्क नम्बर न होने से इनके परिजनों का पता लगाने सुरभि ने अपने स्कूल में स्टाफ से चर्चा की तभी साथी शिक्षिका श्रीमती निवेदिता सक्सेना ने मेघनगर के सामाजिक कार्यकर्ता निरज श्रीवास्तव को बताया निरज जो मानसिक असहाय भटको के परिवार सोशल मीडिया से ढूंढते है से सम्पर्क करने का सुझाव देते हुए संपर्क दिए, सुरभि ने पूरी डिटेल श्रीवास्तव को भेज मदद मांगी श्रीवास्तव भूले भटको के परिजनों को मिलाने का कार्य करते हैं जिनके देश भर में सम्पर्क है सो उन्होंने अपने मित्र कानपुर निवासी सचिन पाण्डे से सम्पर्क किया जानकारी भेजी, महज दो घण्टे के भीतर ही परिवार से सम्पर्क हो गया व पिता को लेने आने के स्थान की जानकारी दी।

फौजी के पुत्र नीरज तिवारी दिल्ली में नोकरी करते हैं सो दिल्ली से इन्दोर की फ्लाइट ली और वँहा से झाबुआ को निकले ,पर आने से पहले ही गंगा शंकर जिस शिक्षक सुरभि के घर थे अल शबेरे बगैर बताए बाहर से कहीं चले गए। ऐसे में उन्हें ढूंढने में करीब 4 घंटे लग गए इस दौरान शहर में अलग- अलग स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे से भी सुराभी तलाशने के प्रयास किए गए। आखिरकार दोपहर 3.30 बजे गंगाशंकर राजगढ़ नाके पर पीएचई ऑफिस के पास फल का ठेला लगाने वालों के पीछे बैठे मिले। इसके बाद उनका बेटा नीरज तिवारी उन्हें बस से इंदौर लेकर रवाना हो गया। क्षेत्र के प्रबुद्धजनों सहित बेटे ने झाबुआ मेघनगर के सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र श्रीवास्तव का बहुत बहुत आभार व्यक्त किया है।

By nit

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