आशा कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ आयोजित | New India Times

रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

आशा कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ आयोजित | New India Times

वर्षा ऋतु उपरांत मच्छर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुन्या रोग के प्रसार को दृष्टिगत रखते हुए इन रोगों से बचाव व नियंत्रण हेतु सामु.स्वा.केन्द्र रानापुर, रामा, कल्याणपुरा एवं पेटलावद की नवीन एवं अक्रियाशील आशा कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थानीय जी.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र बाढ़कुआं (झाबुआ) में आयोजित किया गया।

नवीन एवं अक्रियाशील आशा कार्यकर्ता को ज़िला मलेरिया अधिकारी डी.एस.सिसोदिया द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर जिला व्हीबीडी सलाहकार जितेन्द्र बघेल, सहायक मलेरिया अधिकारी श्रीमती किरण मंडलौई द्वारा आशा कार्यकर्ताओं को वाहक रोग जैसे मलेरिया, डेंगू एवं चिकुनगुन्या रोग के नियंत्रण के संबंध में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण अन्तर्गत भारत सरकार के मलेरिया एलिमिनेशन-2030 के लक्ष्य के बारें में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में मलेरिया एवं डेंगू मच्छर के लार्वा का डिमोंस्ट्रेशन भी दिया गया एवं मच्छर पनपने के स्थान तथा उन्हे नष्ट करने के तरीके पर प्रकाश डाला गया।

आशा कार्यकर्ताओं को भारत सरकार से प्राप्त कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी के सही तरीके से उपयोग एवं लाभ के बारे में ग्रामीण ज शनो को प्रेरित करने हेतु आवश्यक समझाईश देने की सलाह दी गई। ग्रामों में भ्रमण के दौरान रहवासियों से पूरी बांह के कपड़े तथा कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी रात व दिन में सोते समय उपयोग करने, घरों में पानी के कंटेनरों की साप्ताहिकी रूप से नियमित साफ-सफाई करने, अपने घरों के आस-पास पानी को जमा न होने देने एवं घरों के छतों पर बेकार टायर, फूलदान, गमलों पर अनावश्यक पानी को जमा न होने देने तथा जमा हुए पानी को निकाल दें। घर के किसी भी सदस्य को बुखार आने पर खून की जाँच स्वास्थ्य कार्यकर्ता या नज़दीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर करवाएं जाने आदि की समझाईश देने हेतू सलाह दी गई।

अन्त में प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न कर नवीन एवं अक्रियाशील आशाओं को समझाईश दी गई कि अपने-अपने क्षैत्र में निंरतर लार्वा सर्वे, सघन बुखार सर्वे, बुखार रोगी की शीघ्र जांच एंव त्वरित उपचार करें, इसी के साथ अपने कार्य दायित्वों का ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा से कार्य करने हेतु निर्देश दिये गये ताकि ग्रामीण क्षैत्र में वाहक जनित रोग के संभावित प्रसार को रोका जा सके।

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