अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

शिक्षिका द्वारा मुस्लिम बच्चे को पिटवाने की वायरल वीडियो को लेकर जमिअत उलमा मुजफ्फरनगर ने सख़्त कार्रवाई की मांग करते हुए इसे बहुत घटिया मानसिकता एवं निंदनीय बताया है।
जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के सिक्रेटरी क़ारी ज़ाकिर हुसैन क़ासमी ने घटना को अत्यन्त निंदनीय बताते हुए कहा है कि स्कूलों के ऊपर बच्चों को शिक्षित कर इनके भविष्य निर्माण की ज़िम्मेदारी होती है और ऐसे नौनिहालों के अंदर देश प्रेम और मानव प्रेम, मानव सेवा का भाव पैदा करना इन प्राइमरी और बेसिक शिक्षा देने वाले स्कूलों का कर्तव्य होता हैं, ऐसे शिक्षा के मंदिर में जिस प्रकार की यह हेट क्राइम की घटना सामने आई है वास्तव में इस प्रकार की घटनाओं के देश और समाज के लिए बहुत ही दुष्परिणाम आने की संभावना बन जाती है। जिस प्रकार से एक अध्यापिका एक समुदाय विशेष के छात्र और उसके समुदाय के प्रति नफ़रत भरे शब्दों का प्रयोग कर रही है और दूसरे समुदाय के मासूम छात्रों के मस्तिष्क में ज़हर घोलकर उनसे इस बच्चे की पिटाई करा रही है यह अत्यंत चिंताजनक मामला है। मामला संज्ञान में आने के पश्चात प्रशासनिक अधिकारियों को इस अध्यापिका के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चहिए थी जो शायद अभी तक नहीं हो पाई है। उन्होंने ज़िला प्रशासन से मांग की है कि मुज़फ्फरनगर के थाना मंसूरपुर के गांव खुब्बापुर के नेहा पब्लिक स्कूल की इस अध्यापिका के विरुद्ध हेट क्राइम के साथ साथ तमाम उन धाराओं में मुकदमा दर्ज करे जो इसके जुर्म के लिए बनती हैं। साथ ही शिक्षा विभाग और बाल कल्याण विभाग से भी हम संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की मांग करते हैं। और मांग करते हैं कि शिक्षिका को गिरफ़्तार कर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तुरंत जेल भेजा जाए।
वहीं जमीयत उल्मा मध्य प्रदेश के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान ने घटना को अत्यन्त निंदनीय बताते हुए कहा है कि स्कूलों के ऊपर बच्चों को शिक्षित कर इनके भविष्य निर्माण की ज़िम्मेदारी होती है लेकिन एक गुरु जो सबके लिए समान है उसके द्वारा नफरत की शिक्षा फेलाना चिंता का विषय है जिसके विरुद्ध सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए यह घटना एक बच्चे के साथ नही देश के उज्जवल भविष्य के साथ हुई है बच्चे को मारने वाले बच्चे भी भारत का उज्वल भविष्य हैं। जिनको नफरत सिखाई जा रही है और जिस बच्चे के साथ घटना हुई वह भी भारत का उज्जवल भविष्य है सभी बच्चों में नफरत का ज़हर घोलना वह भी गुरु के द्वारा घटिया मानसिकता एवं निंदनीय है। शिक्षा का मंदिर एक ऐसा स्थान होता है जहां इंसान सिर्फ इंसान की भलाई सीखता है गुरु को सर्व शिरेष्ठ माना जाता है और गुरु ही भेदभाव के बीज बोने लगे तो बच्चों के साथ साथ देश का भविष्य भी खतरे में रहेगा यह समय समाज सुधार का है नफरत फैलाने का नहीं।
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