नर्सिंग छात्र-छात्राओं के परीक्षा की मांग की लड़ाई हाईकोर्ट में निःशुल्क लड़ेंगे: अधिवक्ता वरूण तन्खा | New India Times

जमशेद आलम, ब्यूरो चीफ, भोपाल (मप्र), NIT:

नर्सिंग छात्र-छात्राओं के परीक्षा की मांग की लड़ाई हाईकोर्ट में निःशुल्क लड़ेंगे: अधिवक्ता वरूण तन्खा | New India Times

मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाला की वजह से लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय में हो चुका हैं। एनएसयूआई नेता रवि परमार लगातार नर्सिंग छात्र छात्राओं लड़ाई लड़ रहे हैं। इस क्रम में रवि परमार को पुलिस कई बार गिरफ़्तार कर जेल भी भेज चुकी है। नर्सिंग छात्र छात्राओं की मांगों को लेकर रवि परमार मंत्री के बंगले घेराव से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला।

छात्र नेता रवि परमार ने नर्सिंग छात्र छात्राओं की लड़ाई अब हाईकोर्ट में लड़ेंगे। नर्सिंग परीक्षा और अन्य मांगों को लेकर परमार ने मंगलवार को अधिवक्ता वरूण तन्खा से मुलाकात की। साथ ही हाईकोर्ट से परीक्षा पर रोक हटाने को लेकर चर्चा की। इस दौरान अधिवक्ता वरूण तन्खा ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश के नर्सिंग छात्र छात्राओं की लड़ाई में निशुल्क लडूंगा।

रवि परमार ने बताया कि 27 फरवरी 2023 को ग्वालियर हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान द्वारा आयोजित नर्सिंग और पैरामेडिकल की परीक्षाओं की पर रोक लगा दी जोकि भाजपा सरकार और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की लापरवाही के चलते मामला हाईकोर्ट में चल रहा हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को जांच के आदेश भी दिए लेकिन अभी तक दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई ।

रवि परमार ने कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल के लाखों नर्सिंग छात्र छात्राओं का भविष्य सरकार की वजह से अधर में लटका चुका हैं लेकिन एनएसयूआई छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी हम सड़क से लेकर उच्च न्यायालय तक छात्र छात्राओं के हक और उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे और नर्सिंग घोटाले में जो दोषी मंत्री अधिकारी और जिन्हें निरीक्षण कर फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी सभी भ्रष्टाचारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करवाकर सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे।

अधिवक्ता वरूण तंखा हाईकोर्ट में नर्सिंग छात्र छात्राओं के हक की लड़ाई निशुल्क लड़ेंगे साथ ही छात्र नेता रवि परमार पर छात्र छात्राओं की आवाज उठाने पर दर्ज किए गए झूठे मुकद्दमों के खिलाफ भी हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे।


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