मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:
बुरहानपुर के ताज़ातरीन और राजनैतिक हालात को जानने, समझने और देखने के लिए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बाद कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन अपने निर्धारित कार्यक्रम को संशोधित करके एक दिन पहले शुक्रवार को बुरहानपुर पहुंचे। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से वन टू वन चर्चा की। इस दौरान युवा कांग्रेस नेता उज़ैर ताहिर नक्काश ने पार्षद मुज्जू मीर के साथ उनसे स्थानीय सर्किट हाउस में मुलाकात कर के उनसे बुरहानपुर और मध्य प्रदेश के वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में जीरो ग्राउंड पॉलिटिक्स पर बातचीत करके अपनी बात रखें। उज़ैर नक्काश ने पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता श्री बाला बच्चन के समक्ष अपने हक़ के लिए अपनी बात को रखते हुए पूर्व गृह मंत्री से आग्रह किया कि कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो और चुनावी तैयारियों में कर्नाटक फार्मूले को ध्यान में रखते हुए रणनीति बनाएं ताकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित हो सके। जिस प्रकार कर्नाटक स्टेट में अल्पसंख्यकों की 13% आबादी को देखते हुए 14 अल्पसंख्यकों को टिकट दिए गए और वहां से 9 अल्पसंख्यक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं और 75 से 80% वोट कांग्रेस को मिले। इस राजनीतिक गणित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश से विधानसभा के आगामी चुनाव में 47% अल्पसंख्यक वाले शहर बुरहानपुर को प्रमुखता देते हुए बुरहानपुर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित 10 शहरों में 10 अल्पसंख्यक मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने और उन्हें जिताकर विधानसभा भिजवाने की मांग भी रखी। पूर्व गृहमंत्री हम कांग्रेस नेता बाला बच्चन ने युवा कांग्रेस नेता उज़ैर् नक्काश को आश्वस्त किया कि उन्हें निराशा नहीं होगी। उज़ैर और पूर्व गृहमंत्री की मुलाक़ात से हटकर विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता सलीम भाई कॉटन वाला ने बुरहानपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी का टिकट उन्हें देने की मांग पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया के माध्यम से राष्ट्रीय एवं प्रदेश के कांग्रेस नेताओं के समक्ष रखी है। इस समय के वर्तमान राजनीतिक हालात में सलीम भाई काटने वाला अल्पसंख्यकों के कोटे से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।2023 में कांग्रेस पार्टी को उनकी मुराद को पूरी कर देना चाहिए। स्वर्गीय ठाकुर शिव कुमार सिंह के जमाने से एक राजनीतिक परंपरा चली आ रही थी कि विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यक वर्ग के प्रत्याशी को जिताकर विधानसभा भेजा जाता था और लोकसभा में बहुसंख्यक समाज के प्रत्याशी को भेजा जाता था। यह राजनैतिक परंपरा कई वर्षों से टूट गई है। वर्तमान राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में इस परंपरा को बुरहानपुर के राजनीतिक सौहार्द के परिप्रेक्ष्य में पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है और कांग्रेस इसे कर सकती है।
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