जिला प्रशासन के नाक के नीचे IDA ने खेला खेल, पुलिस रही बेखबर | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:

जिला प्रशासन के नाक के नीचे IDA ने खेला खेल, पुलिस रही बेखबर | New India Times

इस जिले में कई चिटफंड कंपनियों ने अपना बसेरा डाला और लोगों को चुना लगाई फिर नौ दो ग्यारह हो गईं। मगर आईडीए के बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता फिर भी मैडम के कहने पर लोगों ने लगा दिया लाखों करोड़ों रुपए, इस देश में बेरोजगारी इस तरह पागल कर दी है, कि पैसा कमाने के चक्कर में लोग कुछ कर गुजरने को तैयार हैं। साइबर क्राइम पुलिस द्वारा लाख हिदायत दी जाती है कि अपने पहचान पत्र को गोपनीय रखें उसके बावजूद हर कोई बेखबर रहता है। आजकल अंबेडकर नगर जिले में आई डी ए नाम का ऐप चलने से लाखों युवाओं को रोजगार और पैसा कमाने का ऑफर दिया गया। जिस देश में बेरोजगारी अहम मुद्दा है इसी मुद्दे पर सरकार की विफलता झलक रही है। यह सारा खेल प्रशासन के नाक के नीचे हो रहा है बावजूद प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। (आईडीए) ऐप का भारत में कहीं नामोनिशान नहीं है, इसके ब्रांच नहीं हैं। 9,000 के बदले 100 डॉलर लगाकर आप प्रतिदिन ढाई से 3 डॉलर कमा सकते हैं और एक दूसरे को जोड़ने की प्रक्रिया भी है जिसमें डॉलर के पॉइंट बढ़ेंगे।
इस ऐप के जरिए यहां ठेले पर नींबू लगाने वाला युवक करोड़पती बन गया, कई लोगों के बैंकों में 50 लाख से एक करोड़ तक पैसे गए जिससे बैंक मैनेजर के भी होश उड़ गए। कई बैंक प्रबंधकों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स की नोटिस जरूर मिलेगी। क्योंकि बैंकिंग सिस्टम सारे पैसों की निगरानी करती है। गंभीर सवाल उठ रहा है क्या इन सभी के अकूत संपत्ति की जांच होगी। सभी के आधार कार्ड किसी आतंकवादी संगठन के तो हाथ नहीं लग गए।इस ऐप को बढ़ावा देने में अकबरपुर शहजादपुर के कई लोगों का हाथ है। इसी ऐप के जरिए जमीन, गाड़ियां लोगों ने खरीदी। हद तो तब हो गई जब $100 लगाने पर दुगने का ऑफर आया। कई स्वर्ण व्यापारियों ने लाखों रुपए लगा दिए दुगने के चक्कर में मगर 6 दिन बीतने के बाद जब डॉलर विड्रोल नहीं हुआ तो लोग अपनी किस्मत की लकीरों को मलते दिखें आज के समय में हर कोई स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है। आपका फोन एक कुंजी कहा जा सकता है। इस ऐप से जुड़ने के लिए लोगों के आधार को लिंक कराया गया आधार की फोटो कॉपी और सेल्फी लगाई गई। चिंता का विषय यह है कि कई हजार लोगों के आधार कार्ड विदेशी कंपनी के हाथ लग चुकी है भविष्य में कभी भी गलत इस्तेमाल भी हो सकता है मगर जिला प्रशासन इस मामले से बेखबर है।


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