सरकारी बसों में क्षमता से अधिक प्रवासी कर रहे हैं यात्रा, टिकट में रियायत के बजाए LPG में हाफ सब्सिडी की थी आवश्यकता, सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही है ED सरकार | New India Times

नरेन्द्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

सरकारी बसों में क्षमता से अधिक प्रवासी कर रहे हैं यात्रा, टिकट में रियायत के बजाए LPG में हाफ सब्सिडी की थी आवश्यकता, सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही है ED सरकार | New India Times

मुंबई महानगर पालिका और आगामी लोकसभा चुनावों को सामने रखकर राज्य की एकनाथ शिंदे और देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने 2023 के बजट में सैकड़ों लोकलुभावन घोषणाएं की जिसमें महिलाओं को MSRTC की बस से यात्रा करने पर अब केवल 50 फीसदी यानी कुल किराए का आधा किराया देना होगा। 17 मार्च को यह योजना आधिकारिक तौर पर राज्य में लागू हो जाने के बाद बसेस में महिला यात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है। इससे पहले सरकार ने 75 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी सीनियर सिटीजन को बसेस में यात्रा मुफ्त कर दी है। सरकारी बस से यात्रा करने के लिए 44 + 12 = 56 इतनी आसन क्षमता निर्धारित की गई है।

सरकारी बसों में क्षमता से अधिक प्रवासी कर रहे हैं यात्रा, टिकट में रियायत के बजाए LPG में हाफ सब्सिडी की थी आवश्यकता, सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही है ED सरकार | New India Times

फ़्री और हाफ टिकट की स्कीमों के कारण नागरिक निजी वाहनों के बजाए सरकारी बसों से यात्रा करना पसंद कर रहे हैं जो अच्छी बात है लेकिन सरकार की ओर से बसों की संख्या में तत्काल प्रभाव से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, एक एक बस में कुल 70 से 80 यात्री सिटिंग स्टैंडिंग यात्रा कर रहे हैं। हमने जलगांव के जामनेर बस अड्डे का जायजा लिया उसमें पाया गया कि बसों में सीनियर सिटीजन और महिला यात्रियों की संख्या अधिक है। बस कर्मियों ने अपने अनुभव साझा करते बताया कि एक एक बस में हमें अतिरिक्त यात्रियों का समायोजन करना पड़ रहा है। हादसों से बचने के लिए बसेस का स्पीड कम हो गया है, सरकार ने बजट में 5 हजार नई इलेक्ट्रिक बसों का अंतर्भाव किया है अगर वे जल्द बेड़े में शामिल होंगी तो सब कुछ ठीक होगा। NIT ने MSRTC की सोशल साइड से जानकारी ली उसमें बताया गया है कि आज MSRTC के बेड़े में करीब 16 हजार बसेस सेवारत हैं। सामाजिक न्याय के तहत लगभग 33 यात्रा योजनाएं चलाई जाती हैं जिसमें 20 स्कीम्स सरकार की ओर से 100 फीसद मुफ्त यात्रा की है अन्य 13 में ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था के तहत छात्रों के लिए रियायतों पर बरसों से लागू है।
जामनेर बस अड्डे की इमारत को लेकर एक मजेदार बात यह है कि सरकार की तिजोरी से 14 करोड़ रुपए खर्च कर बनाया गया बस अड्डा बुरी तरह से फेल हो चुका है। ठेकेदार और दलालों ने अपने हिस्से की मलाई नोच ली है।

ट्रोल हो रही है सरकार

सरकारी बसों में फ्री और हाफ टिकट को लेकर राज्य सरकार को सोशल साइट्स पर यह कहते हुए जमकर ट्रोल किया जा रहा है की इससे बेहतर होता कि सरकार घरेलू LPG सिलिंडर मे कम से कम 500 रुपए की सब्सिडी दे देती तो लाखों गरीब परिवारों को सीधा लाभ मिलता। महिलाओं से बात करने पर उनकी राय भी इस से अलहदा नहीं है।


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By nit

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