आयुष्मान कार्ड में किए जा रहे फर्जीवाड़े का भोपाल क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा | New India Times

अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:

आयुष्मान कार्ड में किए जा रहे फर्जीवाड़े का भोपाल क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा | New India Times

भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की जो आयुष्मान अपात्र कार्डों का अप्रूअल प्रदान कर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने का काम कर रहा था।
मिली जानकारी के अनुसार भोपाल क्राइम ब्रांच को एक व्यक्ति ने शिकायती पत्र लिखते हुऐ कहा कि आयुष्मान निरायमय योजना के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार पात्र व्यक्तियों के कार्ड तैयार किये जा रहे हैं जिसके अंतर्गत कार्डधारक को प्रति वर्ष प्रति परिवार अधिकतम 5 लाख रु राशि का इलाज शासकीय एवं निजी चिकित्सालय में निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। कार्ड तैयार करने के लिए शासन ने TPA (THIRD PARTY AGENCY) VIDAL और FHPL कंपनी को टेंडर दिया है जो परीक्षण करने के उपरांत कार्ड का APPROVAL प्रदान करती है। उनके द्वारा रिजेक्ट किये गये कार्ड के आवेदन SHA (STATE HEALTH AGENCY ) के पास जाते हैं जो आवेदक के विवरण का परीक्षण करने उपरांत पात्र होने पर कार्ड का APPROVAL प्रदान करती है अपात्र होने पर कार्ड का आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है।
कार्य की बहुत अधिकता होने के कारण SHA (STATE HEALTH AGENCY) द्वारा VIDAL और FHPL कंपनी को SHA को 5-5 लॉगिन आईडी उपलब्ध कराई गई थी जिनका उपयोग VIDAL और FHPL द्वारा किया जाता था। अनुराग श्रीवास्तव जिला अशोक नगर में VIDAL की ओर से डिस्ट्रिक्ट कार्डीनेटर के रुप में कार्य करता था इस कारण वह अधिकृत रुप से SHA की लॉगिन आईडी पासवर्ड का उपयोग करता था। जो बाद में नौकरी छोड़कर चला गया । SHA (STATE HEALTH AGENCY) के द्वारा आडिट करने पर पाया गया कि VIDAL और FHPL के द्वारा रिजेक्ट किये गये बहुत सारे कार्ड को SHA की लॉगिन आईडी से APPROVE करके बहुत सारे अपात्र लोगों के फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार किये गये हैं। जिन कार्डो के माध्यम से ईलाज भी हुआ है जिससे शासन को लाखों रु की क्षति हुई है। आडिट में पाया कि ये सभी कार्ड जिला अशोक नगर में VIDAL की ओर से डिस्ट्रिक्ट कार्डीनेटर के रुप में कार्य करने वाले अनुराग श्रीवास्तव नामक व्यक्ति द्वारा SHA की लॉगिन आईडी का अनाधिकृत रुप से उपयोग करते हुए अपात्र कार्डों का APPROVAL प्रदान कर फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाये गये है ।
भोपाल क्राइम ब्रांच ने मामले की गंभीरता को देखते हुए धारा 420, 465, 467, 468, 471 तहत मामला दर्ज कर युवक को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में आरोपी अनुराग श्रीवास्तव पिता शिवकुमार श्रीवास्तव उम्र 39 साल ने बताया कि वह नमो कालोनी शिवपुरी में रहता है वर्तमान में प्रापर्टी एवं आयुष्मान कार्ड बनाने का काम करता है ।
वर्ष 2019 से 2022 तक VIDAL (TPA) में कार्य किया है। VIDAL (TPA) है जो कि म प्र आयुष्मान निरामय योजना के अंतर्गत काम करती है जिसका काम आयुष्मान कार्ड का APPROVAL करना तथा TMS (TRACK MANAGEMENT SYATEM) के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारक के होने वाले ईलाज की मानीटरिंग करती है । मैं अशोक नगर जिला अस्पताल में डिस्ट्रिक्ट कॉर्डीनेटर के रुप में काम करता था । मेरा काम जिले में संचालित हो रहे शासकीय अस्पतालों को आयुष्मान निरामय योजना से जोड़ने के लिए जानकारी SHA (SATATE HEALTH AUTHORITY) को भेजना था। फरवरी 2022 में मुझे VIDAL की तरफ SHA(SATATE HEALTH AUTHORITY) की लागिन आईडी प्रदाय की गई जिसमें मेरा मोबाइल नंबर रजिस्टर किया गया था जिसमें लागिन के दौरान ओटीपी आती थी उसी से लागिन होता था।
VIDAL (TPA) द्वारा रिजेक्ट किये गये कार्ड के आवेदन SHA ( SATATE HEALTH AUTHORITY) की
आईडी पर जाते हैं SHA लागिन से VIDAL (TPA) के द्वारा रिजेक्ट किये आवेदन की डिटेल चेक करने पर सही
पाये जाने पर पात्र व्यक्ति के कार्ड को APPROVE कर दिया जाता है एवं अपात्र होने पर रिजेक्ट कर दिया जाता है

I VIDAL (TPA) द्वारा वर्ष 2021-22 में बहुत जाता कार्ड को रिजेक्ट कर दिया गया था जिसके कारण SHA के
पास बहुत ज्यादा कार्ड के आवेदन पेडिंग हो गये थे इस कारण SHA से VIDAL (TPA) को SHA के 5 लागिन
आईडी प्रदाय किये गये थे। जिनमें से एक आईडी अनुराग श्रीवास्तव के मोबाइल नंबर की थी। अनुराग श्रीवास्तव के नंबर रजिस्टर था जिसमें ओटीपी आता है ओटीपी के माध्यम से BIS (BENEFICIARY IDENTIFICATION
SYSTEM) LOGIN करके जानकारी चेक करने के बाद कार्ड का APPROVE दिया जाता है।

अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि इस दौरान मैने लगभग 200 आयुष्मान कार्ड तैयार किये थे। इसके बाद SHA से VIDAL (TPA) का टैंडर समाप्त हो गया। जिसके बाद VIDAL ने कुछ डिस्ट्रिक्ट कार्डीनेटरों को नौकरी से हटा दिया। मुझे 22-5-2022 को हटा दिया । इसके बाद मैं अपने दोस्त को साथ संबल योजना के कार्ड बनाने लगा। जुलाई 2022 में मेंने देखा कि मेरी SHA वाली लागिन आईडी चालू है। मुझे मेरे वाटसएप्प नंबर पर एक व्यक्ति ने अपने वाट्सएप्प नंबर से काल किया एवं खुद को जबलपुर का बताया और कहा कि तुम रिजेक्ट किये गये कार्ड को APPROVE कर दोगे तो मैने उसे झूठ बोल दिया कि मैं कार्ड APPROVE तो नहीं कर पाउंगा पर APPROVE करवा सकता हूं । मैने उससे कहा कि तुम कितने कार्ड का काम दे सकते हो उसने कहा कि बहुत कार्ड दे दूंगा तो मैने कहा कि 100 रु प्रति कार्ड लूंगा तो उसने 100 रु प्रति कार्ड देने की बात कही। । एक अन्य आयुष्मान मित्र का काम करता था। उसे भी कार्ड APPROVE करने का काम आता है उससे लोग कार्ड APPROVE कराने के लिए संपर्क करते थे तो मैंने उसे SHA लागिन आईडी बता दी थी और जब ओटीपी आता था तो उसे उसके वाट्सएप्प नं पर भेज देता था वह कार्ड APPROVE कर देता था और बदले में मुझे 40 रु प्रति कार्ड दे देता था। उसके इलावा एक अन्य युवक कामन सर्विस सेंटर चलाता है जिससे मेरी उसके नंबर के जरिये चर्चा हुई थी उसने भी मुझे कार्ड APPROVE करने के लिए संपर्क किया था जिसके द्वारा भेजे गये कार्ड को भी मेरे द्वारा APPROVE कर दिया गया था । वह मुझे 100 रु प्रति कार्ड देता था। तीनो मुझे जिनके कार्ड APPROVE करने होते थे उनके नाम व डिटेल वाटसएप्प कर देते थे मैं उनके लिस्ट में छांटकर APPROVE कर देता था। तीनों मुझे मेरे हिस्से के पैसे फोन पे वाले नंबर पर भेजते थे। मेरा खाता HDFC बैंक में है ।

इस प्रकार मेरे द्वारा SHA लागिन आईडी से अनाधिकृत रुप से उपयोग करके अन्य आरोपियों के साथ मिलकर के साथ मिलकर अपात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड का APPROVAL प्रदान करके, फर्जी कार्ड तैयार करने में मैं ने सहायता की है । हमारे सभी द्वारा अभी तक लगभग 500 फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार किये गए हैं।
क्राइम ब्रांच की टीमों द्वारा लगातार धरपकड़ की कार्रवाई पूरे प्रदेश भर में जारी है आदि शेष आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार किया जाएगा।


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By nit

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