नरेंद्र कुमार, जामनेर/जलगांव (महाराष्ट्र), NIT:

राज्य विधी सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर सूबे के तमाम जिला और तहसील न्यायालयों तथा उनकी विधी सेवा समितियों के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित लोक अदालतों में हजारों मुकदमों में न्यायदान किया गया। इसी के तहत जामनेर कोर्ट में कुल 408 लंबित मुकदमों का निपटारा किया गया जिसमें दिवाणी के 23, फौजदारी के 41 न्यायालयीन मामले निपटाए गए। वहीं विवादपूर्व 344 प्रकरणों को सुलझाया गया। टैक्सेस से संबंधित मामलों में ग्राम पंचायत अधीन प्रकरणों में 5,22018 रुपए, बी एस एन एल के 10,401 रुपए, बिजली बोर्ड के 16,090 रुपए, बैंकिंग से जुड़े मसलो मे 96,58600 रुपए इस तरह कुल 1,02,07,109 रुपए के विवादपूर्व मामले सुलझाए गए। वहीं कोर्ट में लंबित मुकदमों में आपसी समझौते से 1,23,58,751 रुपये की वसूली की गई. यानी कुल 2,25,65,860 रुपये राशी की वसूली को समझौते के रूप में वादी प्रतिवादी इनके आपसी सहमती से सुनिश्चित किया गया। इसी बीच एक ही परिवार में सड़क को लेकर चल रहे विवाद के कुल पांच मामले सुलझाए गए। पति-पत्नी के पारिवारिक झमेलों को उनकी आपसी रजामंदी से कोर्ट के समक्ष फाइल आउट किया गया। लोक अदालत के आयोजन को लेकर उक्त न्यायिक इकाइयों ने मिलकर जनता के बीच जाकर कैम्पेन चलाया था, तब IMR कॉलेज में आयोजित संवाद मंच से जामनेर कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी एन चामले ने जनता से अपील करते हुए कहा था की हमारे देश भारत का संविधान सभी कानूनों की जननी है, देश के हर नागरिक के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक अभी तो मृत्यु पश्चात उससे संबंधितों के तमाम हक और अधिकारों की रक्षा के लिए बने कानूनों के माध्यम से न्याय हासिल किया जाता है. लोक अदालत के पैनल प्रमुख न्या डी एन चामले, विवादपूर्व मामलों के पैनल प्रमुख न्या बी एम काले, सह न्या पी वी सूर्यवंशी ने न्यायदान किया। तमाम न्यायप्रिय मामलों में सरकारी अभियोक्ता एड अनील सारस्वत, सहायक सरकारी अभियोक्ता एड कृतिका भट, एड रुपाली पाटील, एड डी वी राजपूत, वकील संघ अध्यक्ष एड के बी राजपूत, एड एस एम सोनार, एड ए पी डोल्हारे, एड बी एन बावस्कर, एड पी जी शुक्ला, एड के पी बारी, एड डी बी गोतमारे, एड एस वाय वाघ आदि ने अपने मुवक्किलों की ओर से पैरवी की।
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