दस्तार बंदी कार्यक्रम में 61 छात्र- छात्राओं को प्रदान की गई उपाधि, 15 पूर्व छात्रों को शैखुल कबीर अवार्ड से नवाज़ा गया | New India Times

मेहलक़ा इक़बाल अंसारी, बुरहानपुर (मप्र), NIT:

दस्तार बंदी कार्यक्रम में 61 छात्र- छात्राओं को प्रदान की गई उपाधि, 15 पूर्व छात्रों को शैखुल कबीर अवार्ड से नवाज़ा गया | New India Times

मदरसा फारुकिया सुलतानूल उलूम, मोमिनपुरा बुरहानपुर के तत्वाधान में दस्तारबंदी और दीक्षांत समारोह के दो पृथक पृथक कार्यक्रम संस्था के संस्थापक संरक्षक हज़रत सैय्यद मोहम्मद फारुक़ मियां चिश्ती मिस्बाही, देवा शरीफ यूपी की सरपरस्ती में गत दिवस आयोजित किए गए। दीक्षांत समारोह में धार्मिक पाठ्यक्रम के पूर्ण करने पर 40 महिलाओं को मुंबई की मुख्य वक्ता मोहतरमा सलमा नूरी साहिबा की उपस्थिति में उपाधि प्रदान की गई। दस्तारबंदी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सुन्नी धार्मिक विद्वान हजरत मौलाना मोहम्मद कलीम अशरफ अशरफी ने सारगर्भित शब्दों में मदरसे का परिचय प्रस्तुत किया। विशेष वक्ता के रूप में मुफ्ती गुलाम जिलानी साहब ने इल्म की फजीलत और अहमियत पर व्याख्यान पेश किया। कार्यक्रम में किरत विभाग के 8 और फर्ज़ ए उलूम विभाग के तेरा इस प्रकार 21 छात्रों को सनद प्रदान करते हुए दस्तारबंदी की गई। मदरसे के 15 ऐसे पूर्व छात्र जो विभिन्न स्थानों पर धर्म सेवा कर रहे हैं उन्हें शेख उल कबीर एवार्ड से नवाजा गया। दस्तारबंदी कार्यक्रम में चिश्तिया पंज सूरह नामक पुस्तिका का विमोचन भी संपन्न हुआ। इस पुस्तिका को अंतिम रूप देने में तथा इसे तैयार करने में लगभग 2 साल का समय लगा, जो विभिन्न 47 पुस्तकों के रिफरेंस से तैयार की गई है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading