अबरार अहमद खान/मुकीज खान, भोपाल (मप्र), NIT:
हमीदिया हॉस्पिटल के अध्यक्ष डॉ दीपक मरावी को नर्सों के साथ छेड़छाड़ एवं दुष्कर्म के प्रयास जैसे गंभीर मामले में दी गई क्लीन चिट को लेकर आज ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन भोपाल द्वारा कलेक्टर कार्यलय पर माननीय मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर संगठन की जिला सचिव आरती शर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमीदिया हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी पर वहां की 50 नर्सों द्वारा अश्लीलता व दुष्कर्म की कोशिश करने का गंभीर आरोप लगाया गया है। उनका का कहना था कि नर्सों के मुताबिक डॉक्टर मरावी रात के वक्त शराब के नशे में बिना दरवाजा खटखटाया नर्सों के चेंजिंग रूम में घुसकर अश्लील हरकतें करते हैं एवं 30 मई को एक नर्स को कमरे में बुलाकर दुष्कर्म करने की कोशिश की गई और नर्स के विरोध करने पर उसको नौकरी से निकालने की धमकी दी गई। हमीदिया हॉस्पिटल की पीड़ित नर्सों के द्वारा चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग जी को लिखित में शिकायत की गई। अतः मामले की जांच के लिए एक “आंतरिक परिवार समिति” का गठन किया गया। जिसमें समिति को 10 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया। इस 6 सदस्य समिति ने 38 नर्सों के बयान दर्ज किए और कमेटी ने अपनी जांच में पाया, कि डॉक्टर मरावी का आचरण महिलाओं के प्रति “असंवेदनशील” है एवं हमीदिया अस्पताल का माहौल महिलाओं के लिए अनुकूल नहीं है बावजूद इसके कमेटी ने डॉ. मरावी को छेड़छाड़ और दुष्कर्म के प्रयास जैसे गंभीर मामले में क्लीन चिट दे दी। आरती शर्मा ने मौजूदा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आखिर यह किस तरह का प्रशासन है। क्या यह गूंगी बहरी सरकार है जो इतने गंभीर आरोपों को नजरअंदाज करते हुए एक अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को क्लीन चिट दे दी। आगे उन्होंने कहा कि जिसका व्यवहार अपने विभाग की महिला कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील है, यह फैसला आने वाले दिनों में वहां की महिला कर्मचारियों की सुरक्षा एवं मान मर्यादा के लिए घातक हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को पद पर रखने से भविष्य में किसी बड़ी घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. हम ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की तरफ से इस फैसले की कड़ी निंदा करते हैं एवं मांग करते हैं कि हमीदिया के अधीक्षक डॉ. दीपक मरावी को तुरंत पद से बर्खास्त करके मामले की पुनः एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए एवं भविष्य में किसी भी महिला कर्मियों के साथ इस तरह की घटना ना घटे सरकार व प्रशासन की तरफ से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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