गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:
अगर कोई जनप्रतिनिधि अपनी गरिमा को भूल जाए तो उसको हकीकत का आईना दिखाना जरूरी होता है, आपको बताते चलें कि अकबरपुर ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा नौगांवा के ईमानदार प्रधान पवन यादव की दबंगई का मामला प्रकाश में आया है। पत्रकार ने अपने पत्रकारिता धर्म का पालन करते हुए गांव की शिकायत पर कार्य की जानकारी लेनी चाही तो इतना सुनते ही प्रधान भड़क उठे जैसे 440, वोल्टेज का करंट लग गया हो, और फोन पर अनाप-शनाप हरकतें करने लगे। शालीनता से पत्रकार द्वारा कहा गया प्रधान जी आप इतना भड़क क्यों रहे हैं। प्रधान और सेक्रेटरी से नहीं पूछेंगे तो क्या यह सवाल सीडीओ एडीएम से पूछें।
फिर तो यादव जी की दबंगई का असली चेहरा सामने आया। जी हां ये वही प्रधान हैं, जिसने पूर्व प्रधान राहुल यादव के कार्यकाल में नाको चना चबवा दिया था, जितने कार्य नहीं हुए थे, उससे ज्यादा शिकायती पत्र अखबार में भेजें गए थे। यह वही प्रधान है जिसने गांव के जनता से भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का सपना दिखाकर वोट लिया। मगर प्रधानी कार्यकाल के 1 साल पूरा होते-होते भ्रष्टाचार की बौछार लगा दी। इस प्रधान की भाषा शैली से ऐसा लग रहा था कि जैसे प्रधान नहीं किसी रियासत का राजा है। पत्रकार द्वारा बोला गया कि फोन रिकॉर्ड हो रहा है अपनी गरिमा मत भूलिए। मगर तब तक प्रधान ने अपना आपा खो दिया था। प्रधान का पद जनता की दी गई भीख होता है। प्रधान बनने के लिए पढ़ाई की आवश्यकता नहीं होती बल्कि वोटो की भीख मांगने की बेहतरीन कला आनी चाहिए। जनता के मतदान से प्रधान बने पवन यादव अपने पद के अहंकार में इतना चूर है कि 5 साल बाद वह दोबारा प्रधान बनेंगे या नहीं बनेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। मगर पत्रकार अजीवन पत्रकारिता करता रहेगा। प्रधान द्वारा अभद्र भाषा के खिलाफ जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है।
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