यूपी विधानसभा चुनाव 2022: न्यूनतम 80 प्रतिशत मतदान को प्रशासन ने बनाया लक्ष्य | New India Times

वी.के. त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर खीरी (यूपी), NIT:

यूपी विधानसभा चुनाव 2022: न्यूनतम 80 प्रतिशत मतदान को प्रशासन ने बनाया लक्ष्य | New India Times

जिला खीरी अब न्यूनतम 80 फीसदी मतदान प्रतिशत को ध्यान में रख कर बढ़चढ़ कर मताधिकार का प्रयोग करेगा। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने इसके लिए लक्ष्य तय कर रणनीति बनाई है ताकि लोगों को उनके मताधिकार के लिए जागरूक किया जा सके।
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट महेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि खीरी ने ठाना है अबकी बार 80 प्रतिशत से अधिक मतदान कराना है, टैग लाइन को फोकस करना है। उन्होंने आगामी 23 फरवरी को मतदान के दिन 80 प्रतिशत से अधिक लोगों को मतदान कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कम मतदान वाले बूथों पर स्वीप कार्यक्रम के तहत जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। सर्वाधिक महिला, दिव्यांग व नए मतदाताओं वाले 20-20 बूथों का चयन किया जा रहा है। विभिन्न प्रकार के वेबिनार आयोजन के साथ स्लोगन, पोस्टर, पेटिंग जैसी ऑनलाइन प्रतियोगिता कर लोगों को मतदान के प्रति प्रेरित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा के कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों को चिन्हित किया गया है। ऐसे बूथों पर मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। वोट का महत्व और भारतीय नागरिक होने के नाते मताधिकार का प्रयोग के बारे में प्रोत्साहित किया जाएगा।

युवा समझे अपने वोट की ताकत,साथियों को भी करें जागरूक
विधान सभा निर्वाचन में खीरी में ज्यादा से ज्यादा मतदान हो, इसके लिए प्रशासन पूरे जिले में अवेयरनेस कैंपेन चला रहा है। जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने युवाओं से 23 फरवरी को होने वाले मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने व अपने साथियों को भी जागरूक करने की अपील की। जिले में युवा मतदाताओं की संख्या काफी है जिनका वोट इस बार ही बना है, उन्हें अपने वोट की ताकत समझनी चाहिए। अपना मनपसंद उम्मीदवार चुनें। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी ठान ले कि आज से 22 फरवरी तक जो भी परिवार का सदस्य मित्र एवं संबंधी तथा परिचित मिलेगा उसे बूथ पर जाकर मतदान के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने मतदान के दौरान नोटा का बटन रखा है। अगर आप के हिसाब से कोई प्रत्याशी नहीं है तो आप नोटा का बटन भी दबा सकते हैं। आप लोगों के मतदान करने से ही सिस्टम बनता है। मतदान का प्रतिशत कम रहने से अच्छा उम्मीदवार चुनकर नहीं आ पाता है।


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