रहीम शेरानी हिन्दुस्तानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले में वर्षा ऋतु में विराट वैदिक सत्संग, 76 वाँ एवं 77 वाँ वैदिक महायज्ञ का आयोजन किया गया.
झाबुआ जिले के पलवाड क्षेत्र के काकनवानी में कृष्ण जन्माष्टमी के महापर्व पर घर घर यज्ञ किया गया.
यज्ञ के तारतम्यता में 108 परिवारों में वैदिक सत्संग की संक्लपना के साथ महर्षि दयानंद सेवाश्रम थांदला के तत्वावधान व ग्रामीणों के सहयोग से संचालक आचार्य दया सागर जी की मार्ग दर्शन में तथा आचार्य विश्वामित्र यज्ञाचार्य के ब्रह्मतत्व में महर्षि दयानंद सेवाश्रम के कोषाध्यक्ष श्री गुलाब सिंह निनामा तथा सदस्य श्री कैलाश सेहलोत, महर्षि दयानंद बालक छात्रावास काकनवानी के अधीक्षक श्री रमेश बारिया के संयोजन में काकनवानी में 2 परिवारों में भजन सत्संग एवं महायज्ञ का आयोजन श्री रमेश बारिया तथा जनपद अध्यक्ष थांदला गेंदाल डामोर के सुपुत्र मुकेश डामोर के निवास स्थान में किया गया।
बारिया परिवार के सभी सदस्यों ने महायज्ञ में आहुति प्रदान कर पुण्य के भागीदार बने तत्पश्चात सत्संग का आयोजन किया गया जिसमें परिवार के सभी सदस्य व भक्तगण उपस्थित होकर सत्संग का लाभ लिए।
आचार्य ने सभी यजमान बंधुओं को संबोधित करते हुए कहा कि सत्य सनातन वैदिक संस्कृति के रक्षक थे योगेश्वर श्री कृष्ण, गौ माता के संरक्षक वर्धक थे योगेश्वर श्रीकृष्ण,
गौ माता के पालक गोपाल थे योगीराज श्री कृष्ण,
नारी जाति के संरक्षक थे श्रीकृष्ण, द्रोपदी की लाज को दुशासन जैसे आतताइयों से बचाने वाले थे योगेश्वर श्रीकृष्ण.
असुरों के संहारक अधर्म, अज्ञान, अभाव, अन्याय, अत्याचार के संहारक भोजन, नींद को वश में रखने वाले थे योगेश्वर श्रीकृष्ण, हजारों स्त्रियों को नरकासुर जैसे अत्याचारी राजाओं से बचाने वाले श्रीकृष्ण कंस, पूतना, जरासंध, शिशुपाल, दुर्योधन आदि अत्याचारी शासकों के संहारक थे श्रीकृष्ण भारत माता के संरक्षक वर्धक थे योगेश्वर कृष्ण. खण्ड खण्ड भारत को अखंड भारत महान भारत बनाने वाले ऐसे राष्ट्र प्रेमी थे श्रीकृष्ण,
भारतमाता को कालयवन जैसे विदेशियों के डर से बचाने वाले थे श्रीकृष्ण।
ग्वाल बालों के संरक्षक थे श्रीकृष्ण
सुदामा जैसे निर्धन लोगों के धर्ममित्र बनने वाले श्रीकृष्ण
जाति पाँति भेदभाव को जड़ से मिटाने वाले श्रीकृष्ण
एक पत्नी धारी थे श्रीकृष्ण
पूर्ण ब्रह्मचारी थे श्रीकृष्ण
मोह से ग्रस्त विषाद से युक्त अर्जुन को युध्द के लिए खड़ा करने वाले श्रीकृष्ण पूर्ण पुरुष थे श्रीकृष्ण
सभी बलों से युक्त थे श्रीकृष्ण
स्वदेशी भोजन माखन मिश्री गौ दुग्ध प्रेमी थे श्रीकृष्ण
सन्ध्या पंच महायज्ञ भजन आदि की दिनचर्या में बंधे थे श्रीकृष्ण
किन्तु मोह माया से ऊपर उठे थे मुक्त थे श्रीकृष्ण।
असुरों के संहारक
ऐसे अधर्म, अज्ञान, अभाव, अन्याय, अत्याचार के संहारक, सज्जनों के संरक्षक,वर्धक संयमित व्यवस्थित धर्मात्मा आप्त पुरुष थे योगिराज श्रीकृष्ण।
आचार्य श्री ने कहा कि योगिराज श्रीकृष्ण के चरित्र द्वारा हम सब अपना जीवन बनाएं
अपने बच्चों को यह बातें अवश्य बताएं !
कार्यक्रम में गौतम कटारा, लालू बारिया, राकेश बारिया, होमा डामोर, शम्भू डामोर, मंगल सिग डामोर, तुलसी दास महराज, कीर्तन सेहलोत आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित थे।
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