अतीश दीपंकर, ब्यूरो चीफ, पटना (बिहार), NIT:
बिहार की राजधानी पटना में सीएनजी बस के उद्घाटन के मौके पर केंद्र सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना नहीं कराये जाने को लेकर पूछ गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर फरवरी 2019 और 2020 में विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था। वर्ष 1990 से ही हम लोग इसको लेकर विचार व्यक्त करते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसको लेकर पहले भी कई बार अपनी बातों को रख चुके हैं। केंद्र सरकार से हम आग्रह करेंगे कि एक बार जाति आधारित जनगणना जरुर करनी चाहिए। जाति जनगणना 2010 के बाद कराई गयी थी। 2013 में उसकी रिपोर्ट आई लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि किस इलाके में किस जाति की कितनी संख्या है इसको लेकर एक बार जाति आधारित जनगणना जरुर होनी चाहिए। एससीएसटी के अलावा गरीब गुरबा को भी इससे लाभ मिल सके और पता चल सके कि उनकी सही मायने में संख्या कितनी है। जब संख्या का पता चलेगा तो उनके कल्याण के लिए ठीक ढंग से काम हो सकेगा। पार्लियामेंट में बताया गया है कि अब जाति आधारित जनगणना नहीं होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम आग्रह करेंगे कि इस पर गौर करें। पहले भी हमने इस पर न सिर्फ बात की है बल्कि इसको लेकर प्रस्ताव भी भेजा है। उन्होंने कहा कि हमलोगों की इच्छा है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए, यह सबके हित में है।
अवैध बालू खनन से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमत्री ने कहा कि इसको लेकर पूरी कार्रवाई हो रही है। इसकी जांच कर वैसे सरकारी अधिकारियों जिनकी इसमें भूमिका रही है उन पर भी कार्रवाई की जा रही है। विभाग और पुलिस की तरफ से भी इस मामले में पूरी छान-बीन की जा रही है। वैसे तो हम बराबर कहते रहे हैं कि कुछ न कुछ गड़बड़ करने वाले लोग हमेशा रहते हैं। आप कितना भी अच्छा करें कुछ न कुछ गड़बड़ मानसिकता के लोग हमेशा गड़बड़ी करते हैं। इसके समाधान को लेकर काम किया जा रहा है। हमलोगों का प्रयास है कि किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ऐसी चीजों पर नजर रख रहे हैं। गड़बड़ी करने वालों को डिटेक्ट कर उन पर कार्रवाई की जा रही है।
फोन टैपिंग से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जो नई तकनीक आई है उससे एक तरफ लाभ है तो दूसरी तरफ उसका दुरुपयोग भी होता है। इस पर निश्चित रुप से कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार ने भी कहा है कि जो गलत चीज है उस पर एक्शन होनी चाहिए।
ऑक्सीजन की कमी से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में अचानक ऑक्सीजन की काफी मात्रा में जरुरत पड़ी उसका हर तरह से समाधान किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी तैयारी की जा रही है कि कोरोना समेत सभी बीमारियों के लिए कभी भी ऑक्सीजन की कमी न हो। सभी अस्पतालों में इसकी पूरी व्यवस्था की जा रही है।
सीएनजी बस को लेकर मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजधानी पटना में सीएनजी बसों के परिचालन से प्रदूषण को कम से कम करने में सहूलियत होगी, पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी इससे मदद मिलेगी। इसको लेकर आज 50 सीएनजी बसों को रवाना किया गया है। सीएनजी बसों के परिचालन से लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमारी के समय गांव से शहरों के अस्पताल आने में काफी दिक्कत होती थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत सभी ब्लॉक में दो लाभुकों को एम्बुलेंस के क्रय पर अधिकतम 2 लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है। प्रथम चरण में इस योजना के अंतर्गत आज 350 एम्बुलेंस को लाभुकों को सौंपा गया है। अक्टूबर माह तक 800 एम्बुलेंस क्रय किया जायेगा। इस साल के अंत तक सभी प्रखंडों में दो लाभुकों को एम्बुलेंस प्रदान करने का निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा। एम्बुलेंस की सुविधा होने से कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों एवं सड़क दुर्घटना के शिकार होने की स्थिति में लोगों को अस्पताल तक समय पर पहुंचाया जा सकेगा। गंभीर परिस्थिति में कम से कम समय में पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने की जरुरत होती है ताकि उनकी जान बचाई जा सके। ग्रामीण इलाकों में एम्बुलेंस उपलब्ध रहे इसको लेकर इस योजना की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने को लेकर पटना में 50 सीएनजी बसों का परिचालन शुरु किया गया है।
इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद के सामने आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत 350 एम्बुलेंस लाभुकों को सौंपने के साथ – साथ पटना में 50 सीएनजी बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सांकेतिक रुप से 5 एम्बुलेंस लाभुकों, नालंदा के विनोद कुमार पासवान, बक्सर के महबूब अंसारी, भोजपुर के प्रदीप कुमार गुप्ता, कैमूर के प्रभुदयाल तथा पटना के संजीव कुमार ठाकुर को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर एम्बुलेंस सौंपा।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री का स्वागत परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने हरित गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, राज्य परिवहन आयुक्त श्रीमती सीमा त्रिपाठी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र शर्मा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थें।
जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।
कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी पटना में सीएनजी बसों के परिचालन से प्रदूषण को कम से कम करने में सहूलियत होगी, पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी इससे मदद मिलेगी। इसको लेकर आज 50 सीएनजी बसों को रवाना किया गया है। सीएनजी बसों के परिचालन से लोगों को आवागमन में काफी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीमारी के समय गांव से शहरों के अस्पताल आने में काफी दिक्कत होती थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत सभी ब्लॉक में दो लाभुकों को एम्बुलेंस के क्रय पर अधिकतम 2 लाख रुपये अनुदान दिया जा रहा है। प्रथम चरण में इस योजना के अंतर्गत आज 350 एम्बुलेंस को लाभुकों को सौंपा गया है। अक्टूबर माह तक 800 एम्बुलेंस क्रय किया जायेगा। इस साल के अंत तक सभी प्रखंडों में दो लाभुकों को एम्बुलेंस प्रदान करने का निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा। एम्बुलेंस की सुविधा होने से कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों एवं सड़क दुर्घटना के शिकार होने की स्थिति में लोगों को अस्पताल तक ससमय पहुचाया जा सकेगा। गंभीर परिस्थिति में कम से कम समय में पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने की जरुरत होती है ताकि उनकी जान बचाई जा सके। ग्रामीण इलाकों में एम्बुलेंस उपलब्ध रहे इसको लेकर इस योजना की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को संरक्षित करने को लेकर पटना में 50 सीएनजी बसों का परिचालन शुरु किया गया है।
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