अतीश दीपंकर, भागलपुर/पटना (बिहार), NIT:
कब थमेगा हाइवे पर तस्करी व वसूली का खेल? शाम ढलते ही हाईवे पर मौत का तांडव शुरू हो जाता है! आये दिन वसूली का भी मामला सामने आता है। बताया जा रहा है कि हर वाहन चालक से वसूली की जाती है। पैसा नहीं देने पर बाहुबली ठेकेदार मार-पीट करते हैं और तो और चालक को मौत के घाट भी उतार देते हैं. आखिर इस मामले में प्रशासन कोई शुध क्यों नहीं ले रही है? प्रशासन कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है? कहीं प्रशासन का भी इसमें मिली-भगत तो नहीं है? आए दिन इस तरह के वारदात कई सवाल खड़े करते हैं.
ताजा मामला भागलपुर जिला के सबौर थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव के पास का है। जहां इंडिया ईंट भट्ठा के समीप बीती रात एनएच 80 मुख्य मार्ग पर अपराधियों ने लूट-पाट के क्रम में पिकअप ट्रक चालक की गोली मारकर हत्या कर दी.
बताते चलें जिस वक्त घटना हुई इस वक्त अंधेरा था। वहाँ एनएच पर आवागमन भी कम था, गोली मारने के बाद अपराधी ने लूट-पाट कर वहां से फरार हो गया।
इधर ग्रामीणों का आरोप है कि घटना के तुरंत बाद इसकी सूचना सबौर पुलिस को दी गई थी बावजूद पुलिस घंटों बाद पहुंची, तब तक चालक की मृत्यु हो चुकी थी. ग्रामीणों ने कहा कि घटना के एक घंटे बाद तक घायल वहीं तड़पता रहा और पुलिस दो घंटे बाद पहुंची तब तक चालक की मृत्यु हो चुकी थी. गांव वालों का यह भी कहना हुआ कि यह पहला केस नहीं है, इससे पहले भी नजदीकी थाना किसी भी वारदात में कई घंटे लेट ही पहुंचती है जिससे बात और भी बिगड़ चुकी होती है।
मृत चालक राहुल कुमार (28) पिता रामबली यादव, ग्राम ननसूतबीघा, जिला नालंदा का निवासी बताया जा रहा है। जो कि बिहारशरीफ के छबीलापुर के सब्जी मंडी से आम लाने कहलगांव के शिवनारायणपुर जा रहा था। वहां पर मौजूद अन्य ट्रक चालकों व ग्रामीणों के अनुसार बताया गया कि मृतक लगभग कई घंटे तक दर्द से तड़पता रहा , कराहता रहा , लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था। लोगों ने कहा कि।मृतक सुबह 5:30 तक जीवित था लेकिन पुलिस सुबह सात बजे पहुंची तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
मृतक के वाहन मालिक राजेश कुमार को कल सोमवार के 2:00 बजे रात्रि में यह सूचना मिली थी और 2:00 बजे रात्रि में ही उन्होंने नजदीकी थाना को इत्तला करने की कोशिश की लेकिन फोन रिसीव नहीं हो पाया । फिर आज मंगलवार की सुबह 6:00 बजे थाना से बात हुई और वह वारदात स्थल पर 7: 00 बजे पहुंची साथ ही वाहन चालक राजेश कुमार का कहना है कि उनके पास करीब ₹5000 नगद थे जो नहीं मिले लेकिन उसका मोबाइल घटनास्थल से मिला।
वहीं दूसरी तरफ मृतक के पिताजी का भी कहना हुआ कि पुलिस अगर समय पर पहुंच जाती तो शायद मेरे बेटे की जान बच सकती थी।
सबौर पुलिस ने शव को अपने कस्टडी में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस बात की जानकारी मृतक के नालंदा में रहने वाले परिवार वालों को भी दी गई। परिवार वालों का रो -रो कर बुरा हाल है।
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