अशफाक कायमखानी, ब्यूरो चीफ, जयपुर (राजस्थान), NIT:
पंजाब कांग्रेस सरकार में आये उबाल को हाईकमान द्वारा कमेटी बनाकर असंतुष्ट विधायकों की सुनवाई करके एक तरह से ठंडा करने के बाद हाईकमान अब राजस्थान को लेकर भी गहलोत-पायलट धड़े में बंटी कांग्रेस को मजबूत सरकार का रुप देने का मन बना लिया है। जल्द ही राजस्थान सरकार में मंत्रीमंडल विस्तार व बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। जिसमें वर्तमान में कुल इक्सीस मंत्रियों में आधे दर्जन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। वहीं एक दर्जन से अधिक नये मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। नये मंत्रीमंडल में दलित नेता व पूर्व मंत्री परसराम मोरदिया को दलित कोटे में जगह मिलना तय माना जा रहा है।
गहलोत मंत्रीमंडल में एक साल पहले पायलट खेमे के विधायकों द्वारा दिल्ली डेरा डालने के समय उपजे विवाद में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, मंत्री विश्वेन्द्र सिंह व रमेश मीणा को पद से हटा दिया था एवं मंत्री भंवरलाल मेघवाल का निधन हो चुका है। इसके अतिरिक्त एक व्यक्ति एक पद फार्मूले के तहत गोविंद डोटासरा को अध्यक्ष बनाये रखा जायेगा तो उन्हें मंत्री पद से हटना होगा।
सचिन पायलट को कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी द्वारा बुलाने व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा का दिल्ली जाना। प्रभारी महामंत्री अजय माकन का सक्रिय होने से जल्द मंत्रीमंडल विस्तार व बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। कांग्रेस के बल्लभगढ़ से विधायक गजेन्द्र शक्तावत के निधन के बाद वर्तमान मे 100 विधायक कांग्रेस के निशान पर जीते हुये व 6 बसपा से आये विधायकों को मिलाकर कुल 106 विधायक होने के अलावा 13- निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
कुल मिलाकर यह है कि मंत्रीमंडल विस्तार मे दलित नेता धोद विधायक परशराम मोरदिया का आना तय है। निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर व कांग्रेस विधायक गोविंद मेघवाल का नाम भी मंत्री बनने वालों में चर्चा में है। मोरदिया के मंत्री बनने के लिये उनके जिले से ही विधायक व प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा की मंशा भी बड़ी अहमियत रखेगी। डोटासरा का वीटो इस मामले मे काफी कुछ प्रभाव रखेगा।
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