पंकज शर्मा, ब्यूरो चीफ, धार (मप्र), NIT:
इन्दौर कमिश्नर डॉक्टर पवन कुमार शर्मा ने पीथमपर के बुधवार को मित्तल कॉर्प ऑक्सीजन प्लांट का निरीक्षण किया। कलेक्टर धार आलोक कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह, डॉ सलोनी सिडाना सहित प्लांट के प्रबंधक और तकनीकी विशेषज्ञ साथ थे। कमिश्नर डॉ शर्मा ने यहां मजदूरों एवं तकनीकी टीम से चर्चा की और किए गए कार्यों की सराहना की साथ ही इनके मालिकों से त्वरित गति से निर्माण कार्य पूरा करने के लिए बधाई भी दी। उन्होंने उपस्थित सबंधितो से प्लांट के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर आवश्यक चर्चा की। उन्होंने कहा कि पीथमपुर में करण मित्तल के दो प्लांट थे। पहला प्लांट लगभग 700 सिलेण्डर प्रतिदिन तैयार करता था। दूसरा प्लांट लगभग तीन चार साल से बंद था।
मित्तल जी ने उसे बड़ी मेहनत से उसको शुरू किया, कुल 7-8 दिनों में सभी कर्मचारियों ने यह कार्य किया है। जिला प्रशासन धार की पूरी टीम कलेक्टर आलोक कुमार सिंह, अपर कलेक्टर सलोनी सिडाना सहित अन्य अधिकारी यहां लगे रहे और आज प्लांट प्रोडक्शन स्टेज पर आ गया है। कल ग्लोविंग स्टार्ट किया था। इससे हमें अभी 3-4 दिन तक 1500 से 1700 सिलेण्डर और फिर उसके बाद हमें लगभग 3 हजार के करीब सिलेण्डर्स प्राप्त होंगे। हमे पूरे इन्दौर संभाग में फायदा होगा। इससे पूरे इन्दौर संभाग और तीन जिले उज्जैन, हरदा, देवास, इसको हम यहाॅं से आॅक्सीजन की सप्लाई कर पाऐंये। इससे कोरोना के ईलाज में बहुत हेल्प होगी। उन्होंने कहा कि यहाॅं दो यूनिट क्लोज थी, जिसमें से यह यूनिट अभी हेल्प कर रही है। इसके अलावा और कुछ और आईडेंटीफाई किए है, जो दुसरी गैसे बनाती है। जैसे बड़वानी में एक नाईट्रोजन का प्लांट अभी बंद है। उसको कोशिश की जा रही है कि उसे कन्वर्ट किया जा रहा है, कि उसे ऑक्सीजन में कन्वर्ट कर उसका उपयोग किया जाए। इस तरह से जो भी यूनिट किसी भी तरह से आक्सीजन प्रोड्यूस कर सके। उसका प्रयास किया जा रहा है और ज्यादा से ज्यादा सिलेण्डर्स रिफिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शासन स्तर से और व्यक्तिगत स्तर से ऐसी यूनिट के प्लांट लगाए जा रहे है। ताकि हम अधिक से अधिक आवश्यकतानुसार आक्सीजन की सप्लाई कर सके। उल्लेखनीय है कि धार के औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में जहां पर तीन चार वर्षो से बंद पड़े एमसीएल ग्लोबल ऑक्सीजन प्लांट को महज कुछ ही दिनों में ही शुरू कर दिया गया है। इस प्लांट को शुरू करने के लिए वैसे तो 90 दिनों का समय लगता परंतु कोरोना महामारी के प्रकोप में ऑक्सीजन की जरूरत को देखते हुए 150 लोगों की टीम ने 24 घंटे काम करते हुए इस असंभव से लगने वाले कार्य को संभव कर दिया। अब इससे तीन हजार सिलेंडर ऑक्सीजन रोज मिलने लगेगी। प्लांट को शुरू करने में मुख्य भूमिका जिला प्रशासन और उद्योग विभाग की भूमिका रही।
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