अंबेडकर नगर जिला अस्पताल सरकार और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में फेल | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकर नगर (यूपी), NIT:

अंबेडकर नगर जिला अस्पताल सरकार और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में फेल | New India Times

उत्तर प्रदेश सरकार कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है. केवल कागजों में ही स्वास्थ्य विभाग बेहतर चल रही है, जिला अस्पताल में अव्यवस्थाओं का बोल बाला है। कहीं डाक्टर गायब तो कहीं कर्मचारी गायब रहते हैं। शुक्रवार को कई डाक्टर गायब रहे। सिर्फ चंद डाक्टरों के भरोसे व्यवस्थाएं चलाई जा रही हैं। कुछ डाक्टर तो ऐसे हैं जो सप्ताह में दो दिन ही अस्पताल में सेवाएं देते हैं। सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिले का अस्पताल राम भरोसे चल रहा है। जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था बदहाल है। यहां दवा कराने के लिए मरीज तो आ रहे हैं लेकिन डॉक्टर अपनी कुर्सियों से नदारद रह रहें है। नतीजन प्राइवेट चिकित्सकों से दवा कराने को मरीज विवश हो जाते हैं।

अंबेडकर नगर जिला अस्पताल सरकार और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में फेल | New India Times

मरीजों को सस्ती और सुलभ दवा मुहैया कराने लिए सरकार ने जिला चिकित्सालय की स्थापना कराई। परंतु जिला चिकित्सालय अंबेडकरनगर में न तो सरकार की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है न ही जनता की। शुक्रवार को मीडिया के कैमरे ने इस अस्पताल का हाल देखना चाहा तो उसे चौंकाने वाले तथ्यों से सामना करना पड़ा. एक दो नहीं अधिकतर डॉक्टरों के चैंबर खाली थे। डॉक्टरों की खाली कुर्सियां जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहीं थी। मरीज बार -बार चिकित्सकों की खाली कुर्सियां देखकर लौट जा रहे थे। 12 बजे तक मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते रहे लेकिन चिकित्सक अपनी कुर्सियों पर नहीं बैठे। नतीजतन मरीज निराश होकर अपने घरों को लौट गए। यही नहीं अस्पताल में जगह – जगह गंदगी पसरी हुई थी। चौंकाने वाली बात यह है कि जिले के सभी आला अफसरों के आफिस यही हैं उनके नाक के नीचे जब चिकित्सा व्यवस्था का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों की क्या हाल होगी अंदाजा लगाया जा सकता है।


Discover more from New India Times

Subscribe to get the latest posts to your email.

By nit

This website uses cookies. By continuing to use this site, you accept our use of cookies. 

Discover more from New India Times

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading