रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:
झाबुआ जिले के मेघनगर में गली मोहल्ले में झोलाछाप नीम हकीम डॉक्टरों की दुकानों पर गरीब भोले भाले आदिवासी मरीजों का शोषण खुलेआम चल रहा है।
झोलाछाप अवैध फर्जी डॉक्टरों के तेवर एवं रहन-सहन आईएएस अधिकारियों जैसे झोलाछाप नीम हकीम डॉक्टरों के विशेष योग्यता के होर्डिंग्स एवं पाम्पलेटों का वितरण कर नियम कानून कायदे को ताक में रखकर झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं जिन पर अंकुश लगाना मुश्किल हो रहा है।
जिला कलेक्टर के द्वारा झोलाछापों पर तत्काल कार्यवाही करने के फरमान जारी कर देने के बाद भी झाबुआ जिला के मेघनगर सहित अन्य इलाक़ों में सैकड़ों फर्जी झोलाछाप डॉक्टर गली गली में अपनी दुकानें जमा कर गरीब भोले भाले आदिवासी मरीजों का आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक शोषण दिनदहाड़े करने में लगे हुए हैं लेकिन इन डॉक्टरों के अवैध धंधों की दुकानों पर किसी अधिकारी की नजर ना जाना कई शंकाओं को जन्म दे रहा है। जिससे इनके हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। बताया जाता है कि इन डॉक्टरों ने अपनी विशेष योग्यता (डिग्री) के उपचार के बड़े-बड़े होर्डिंग्स एवं पाम्पलेटो का वितरण कोई बड़े चिकित्सक होने का प्रलोभ देकर इस क्षेत्र के भोले भाले गरीब आदिवासियों को अपनी ओर आकर्षित कर उनका आर्थिक एवं शारीरिक नुकसान कर अपनी जेब भरने में दिन रात लगे हुए हैं।
मेघनगर के मुख्य मार्गों पर बसे झोलाछाप नीम हकीम डॉक्टरों की दुकानों पर आदिवासी मरीजों की भीड़ अक्सर देखी जा सकती है।
पूर्व कलेक्टर मनोज श्रीवास्तव ने इन डॉक्टरों के अवैध धंधों पर अंकुश लगा दिया था लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को बड़ी भेंट चढ़ा कर इन डॉक्टरों ने फिर अपना अवैध कारोबार शुरू कर दिया, बताते हैं कि इन फर्जी डॉक्टरों के गलत इलाज से अनेक मरीज मौत की नींद सो गए हैं।
मेघनगर में झोलाछाप डॉक्टरों के यहा शनिवार को हुई छापामार कार्यवाही में कई तरह के इंजेक्शन और दवाइयों का जखीरा भी पकड़ा गया था ओर 3 डॉक्टरों को भी थाने पर ले जाया गया था लेकीन नगर में चर्चा का बाजार गर्म है कि 5 अंकों की मोटी रकम लेकर मामले को रफा-दफा कर दिया।
अब देखना यह है कि जिला कलेक्टर महोदय मेघनगर की गली मोहल्लों में फर्जी दवाखाने संचालित करने वाले फर्जी झोलाछाप डॉक्टरों पर पाबंदी लगाते हैं या नहीं।
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