लगातार 75 दिनों से भोजन वितरण करने वाले सत्येन्द्र शर्मा की लोकप्रियता बढ़ी, पिछले 24 घंटों में ही 10 हजार व्यूज, सैकड़ों लाइक, कमेंट व शेयर हुए | New India Times

संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:

लगातार 75 दिनों से भोजन वितरण करने वाले सत्येन्द्र शर्मा की लोकप्रियता बढ़ी, पिछले 24 घंटों में ही 10 हजार व्यूज, सैकड़ों लाइक, कमेंट व शेयर हुए | New India Times

समस्या आपकी संघर्ष हमारा टीम के साथ सत्येन्द्र शर्मा भोजन करते हुए दिखाई दे रहे हैं जिसमें आसपास से बंदरों का झुंड आ जाता है और सत्येन्द्र शर्मा की पत्तल में भोजन करने लगते हैं। आसपास के लोगो का कहना है ऐसा कभी नहीं होता जब बंदर इंसान की थाली में बैठकर भोजन कर रहे हों और गिलास उठाकर पानी पी रहे हों वह भी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जा रहा है, यह तो सत्येन्द्र शर्मा जी पर हनुमानजी महाराज की कृपा है। सत्येन्द्र शर्मा ने लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंद लोगों को लगातार 75 दिनों तक भोजन कराया है और अभी भी करवा रहे हैं इस कार्य से प्रसन्न होकर साक्षात हनुमानजी महाराज ने आकर आशिर्वाद दिया है। यह वीडियो आसपास खड़े लोगों ने बनाया और फेसबुक, व्हाट्सएप आदि शोशल साइट्स पर तेजी से वायरल होने लगा है। आलम यह है कि सत्येन्द्र शर्मा ने जब अपनी वाल satyendra sharma II पर पोस्ट किया तो 24 घन्टे में ही दस हजार व्यूज हो गए और सैकड़ों लाइक कमेंट और शेयर हो गए। सत्येन्द्र शर्मा के दो फेसबुक अकाउंट और कई पेज हैं जिसमें हजारों फ्रेंड्स हजारों फ़ॉलोअर्स हैं क्योंकि वह हमेशा जनहित के कार्य के प्रति संघर्ष करते रहते हैं इसलिए सत्येन्द्र शर्मा को चाहने वालों की कमी नहीं है। अभी भी लगातार कमेंट्स, शेयर, लाइक जारी हैं।

ज्ञात रहे समस्या आपकी संघर्ष हमारा कार्यक्रम के संयोजक सत्येन्द्र शर्मा ने श्रीमन्त ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के निर्देश पर ग्वालियर में जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरण का कार्य 25 मार्च 2020 को प्रारम्भ किया था जो कि निरन्तर जारी रहा और 7 जून को 75 दिवस होने पर ग्वालियर के सांसद श्री विवेक नारयण शेजवलकर ने बहुत प्रशंसा की थी एवं ग्वालियर महानगर भाजपा के अध्यक्ष कमल माखीजानी ने तो यहाँ तक कहा कि सत्येन्द्र शर्मा जी ने प्रेरणादायी कार्य किया है और सबसे ज्यादा लंबे समय तक सेवा की है।

इसके साथ ही लाल टिपारा गौशाला के साधु संतों द्वारा सत्येन्द्र शर्मा का सेवा भक्ति को देखकर माला पहना कर लाल वस्त्र गले में डालकर सम्मान भी किया जा चुका है।


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