मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों के लिये दिए 1555 करोड़ रूपये, पंच परमेश्वर योजना में कर सकेंगे नये कार्य | New India Times

रहीम शेरानी, ब्यूरो चीफ, झाबुआ (मप्र), NIT:

मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायतों के लिये दिए 1555 करोड़ रूपये, पंच परमेश्वर योजना में कर सकेंगे नये कार्य | New India Times

भोपाल ग्राम पंचायतों में कार्य को गति देने के लिये मुख्यमंत्री श्री शिराजसिंह चौहान ने बुधवार को पंच परमेश्वर योजना के अंतर्गत 14वें वित्त आयोग की 1555 करोड़ रूपये की राशि जारी की है। यह राशि पंचायतों को मिलेगी और इससे पंचायत क्षेत्र में नये कार्य किए जा सकेंगे।

राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को दी जा रही राशि से जो कार्य होंगे उन्हें प्रमुख रूप से 4 भागों में वर्गीकृत कर वार्षिक व्यय सीमा निर्धारित की गई है जिसमें 75 प्रतिशत राशि नवीन अधोसंरचना कार्यों में, 10 प्रतिशत पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्यों में, 7.5 प्रतिशत संधारण कार्यों में और 7.5 प्रतिशत राशि कार्यालयीन व्यय पर खर्च की जा सकेगी।

नवीन अधोसरंचनात्मक कार्य

ग्राम पंचायतें 75 प्रतिशत राशि नवीन अद्योसंरचनात्मक कार्यों में व्यय कर सकेंगी, जिनमें सीमेंट क्रांकीट सड़क एवं पक्की नाली निर्माण, गौ-शाला निर्माण, रपटा/पुलिया निर्माण (ग्राम पंचायत आबादी क्षेत्र, शासकीय भवनों तथा श्मशानघाट/कब्रिस्तान को आबादी क्षेत्र से जोड़ने वाले रास्तों पर), बाउंड्रीवॉल निर्माण – पंचायत भवन, कब्रिस्तान, श्मशानघाट, स्कूल, आँगनवाड़ी, शासकीय भवन, सामुदायिक भवन, काँजी हाउस, पुस्तकालय भवन, बाजार चबूतरे/ दुकान निर्माण/ ग्राम चौपाल के लिये चबूतरा निर्माण, यात्री प्रतीक्षालय, पेवर ब्लॉक सड़क, सामुदायिक शौचालय/ शासकीय भवनों में महिला/पुरूष शौचालय निर्माण और एलईडी स्ट्रीट लाइट (ऊर्जा विभाग के स्पेसिफिकेशन अनुसार), सार्वजनिक पार्कों का निर्माण, पार्क में पेवर ब्लॉक, बैंच फुटपाथ, लाईट तथा पानी की व्यवस्था और नि:शक्तजनों के लिये बाधारहित वातावरण निर्माण एवं रैंप निर्माण कर सकेंगी।

पेयजल व्यवस्था संबंधी कार्य

योजनांतर्गत एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त होने वाली राशि में से 10 प्रतिशत राशि का उपयोग पेयजल व्यवस्था के लिये किया जा सकेगा। पेयजल व्यवस्था में ऐसी नल-जल योजनाएँ जो ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं स्थापित की गयी है उनका संधारण, ऐसी नल-जल योजनाएँ जिन्हें पी.एच.ई द्वारा स्थापित कर ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित किया गया है उनका संधारण, पेयजल प्रदाय के लिये पाइपलाईन विस्तार, सिंगल फेस मोटर का क्रय, पेयजल एकत्रित करने के लिये भू-स्तर टंकी निर्माण, रेडीमेड टंकी क्रय और पशुओं के पानी पीने के लिये संरचना निर्माण का कार्य किया जा सकेगा। 


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