सब्र और इबादत का महिना है रमज़ान, घरों पर रहकर हो रही इबादत एं, नन्हे-मुन्ने बच्चे भी घरों में रोजा रखकर कर रहे हैं इबादत | New India Times

मोहम्मद मुज़म्मिल, जुन्नारदेव/छिंदवाड़ा (मप्र), NIT:

सब्र और इबादत का महिना है रमज़ान, घरों पर रहकर हो रही इबादत एं, नन्हे-मुन्ने बच्चे भी घरों में रोजा रखकर कर रहे हैं इबादत | New India Times

रमजानुल मुबारक का महिना मुसलमानों के लिए अल्लाह का बड़ा इनाम है। इस मुबारक महिने में सवाब (पुण्य) का दर्जा बढ़ा दिया जाता है। लाॅक डाउन के नियमों का पालन करते हुए रमज़ान माह के दौरान सभी मुस्लमान अपने घरों में इबादत कर रहे है। पांच वक्त की नमाज घरों में अदा की जा रही हैं। रमज़ान माह की विशेष नमाज तरावीह भी घरों छपर ही अदा कि जा रही हैं। शासन के आदेशानुसार लाॅक डाउन व शोसल डिसटेंसींग का पालन किया जा रहा है। इस कोरोना काल में हर रोजेदार देश की खुशहाली की दुआ कर रहा है और इस कोरोना संकट से देश जल्दी उबरे इसकी भी दुआ की जा रही है। मुस्लिम धर्मावलंबियों द्वारा लाॅकडाउन में घरों के अंदर ही नमाज अदा कर एकता की मिसाल पेश की जा रही है।

नन्हे फरिश्ते भी घरों में रोजा रख कर रहे हैं इबादत रमजान के इस मुबारक महीने में नन्हे-मुन्ने बच्चों का जुनून भी खासा ही रहता है। नन्हें-नन्हें बच्चे इस भीषण गर्मी के दौरान रोजा रख अपने रब को खुश कर सबाब पाते हैं। वर्तमान में समूचे नगर में नन्हें बच्चों द्वारा रोजा रखकर इबादत की जा रही है। नगर के वार्ड क्रमांक 7 में अमान खान पिता आरिफ़ खान 12 वर्ष रमजान माह के पुरे रोजे रख रहे हैं व 8 वर्षीय अयान खान द्वारा रमजान के रोजे रखे जा रहे हैं।


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