संदीप शुक्ला, ब्यूरो चीफ, ग्वालियर (मप्र), NIT:
एक तरफ जहां तमाम दिग्गज नेता खुद को चारदीवारी के बंगले में लॉक कर लिये हैं और जनता को सिर्फ फ़ेसबूक लाइव पर दर्शन दे रहे हैं, ऐसे में जिले के सामाजिक कार्यकर्ता और गोपाल किरन समाज सेवी संस्था और संगीता शाक्य के संरक्षण में संस्थापक एवं अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के साथ-साथ उनकी टीम के द्वारा लगातार सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। डॉ. प्रवीण गौतम जी के द्वारा कोरोना की तकनीकी जानकारी देकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
कोविड-19 को लेकर देश में लॉकडाउन प्रारंभ होने के साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को इन विपरित परिस्थितियों में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।
कोरोना वायरस को लेकर जहां देश में हाहाकार मचा हुआ है वहीं गरीबों की हालत लॉकडाउन के कारण भूख और प्यास से मरने की नौबत सी आ गई है। लॉकडाउन गरीब मजदूरों का चिथडा निकाल देगा। आज हम सभी इस संकट के दौर से गुजर रहे हैं पर सबसे ज्यादा मुसीबत का सामना उस वर्ग को करना पड़ रहा है जो सीमित आमदनी से अपना घर खर्चा चलाता है।
विश्वव्यापी कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए लगाये गये लॉकडाउन में समान सोच वालों ने संस्था के साथ जुड़कर संस्था अपने-अपने स्तर पर लोगों की मदद मध्यप्रदेश के ग्वालियर में जारी है।
कोरोना नामक वैश्विक महामारी के चलते सरकार ने लॉक डाउन के दूसरे चरण को भी पूरा कर लिया है और तीसरा चरण प्रारंभ हो गया है। ऐसी स्थिति में गरीब, असहाय, भूखे, अपाहिज, विधवा महिलाओं, बुजुर्गों, शहरी गरीबों, निर्माण कर्मियों, दिहाड़ी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के सामने जीवनयापन के लिए रोजी-रोटी का भी संकट उत्पन्न हो गया है।
संस्था ने कोविड -19 को लेकर देश में लॉकडाउन प्रारंभ होने के साथ ही देश के प्रत्येक नागरिक को इन विपरित परिस्थितियों में गोपाल किरन समाज सेवी संस्था (रजि.), ग्वालियर के लोग कार्यरत है।
जिला प्रशासन के द्वारा वार्ड 23, 24, 28, 35, 37, 41, 55, 60 एवं 61 के लोगों को भोजन के पैकेट का वार्ड के अधीन संस्था ने जनसहयोग से पे बैक कॉन्सेप्ट के तहत क्षेत्र में रह रहे हैं गरीब परिवारों की सूची अनुसार उपलब्ध करा रहे हैं इसके अलावा अन्य लोगों की समस्या सामने आई कि प्रशासन ने खाद्यान्न दुकानों पर गरीबों के लिए राशन भेजा था लेकिन वह अनाज गरीबों तक पहुंचने की शासन से गरीबों के लिए भेजे गए अनाज को बटवा दिया। जरूरत के अनुसार नहीं मिला जहां सर्वाधिक अनुसूचित जाति के गरीब परिवार निवास करते हैं ग्राम पंचायत में दर्जनों विधवा महिलाएं, अपाहिज, बुजुर्ग, असहाय, और गरीब परिवार हैं। लोग मानते हैं हकीकत में गरीबों को राशन मिला ही नहीं है।
विधवा महिलाओं को ही राशन उपलब्ध करवाया गया है। अगर गरीबों का हक गरीबों तक नहीं पहुंचा है तो संबंधितो पर कार्रवाई के लिए संस्था प्रशासन से भी आग्रह करेगी।
सबको अनाज मिलेगा …कोई भूखा नही रहेगा…ये गरीबो के सच्चे हमदर्द।
टीम द्वारा सामाजिक दूरी सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने का संदेश दिया। शहर कोरोना संक्रमण से मुक्त रखने के लिए नियमित रूप से घर में रहने समय-समय पर साबुन से हाथ साफ रखना हमेशा मास्क का उपयोग करने सामाजिक दूरी बनाए रखने एवं योगदान के नियमों का पालन करने की शपथ भी ली गई।
वालंटियर द्वारा घर-घर जाकर परिवारों में निशुल्क मास्क वितरण किए गए और कोरोना वायरस संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सावधानियों को अपनाने की सभी से अपील की गई इस दौरान चयनित चारों ग्रहों के लगभग हजार परिवारों निशुल्क मास्क वितरण कर आवश्यक समझाइश देने का कार्य किया गया जो लगातार जारी है।
हेमप्रकाश जी ने निशुल्क खाद्यान्न वितरण के दौरान सामाजिक दूरी स्थापित करते हुए विशेष सहयोग प्रदान किया जा रहा है मलेरिया व मच्छर से बचने के लिए भी बरसात के पहले अपने घरों से कबाड़ व गंदगी हटाने की अपील आम जनता का बचाव कर रहे आसपास के बेहद गरीब परिवारों को भी संस्था द्वारा उचित सहायता प्रदान की जा रही है। निमराजे जी ने अपनी बात को इस तरह व्यक्त की ख़ौफ़ ने सड़कों को वीरान कर दिया,
वक़्त ने ज़िंदगी को हैरान कर दिया,
काम के बोझ से दबे हर इंसान को, आराम के अहसास ने परेशान कर दिया..
युवराज खरे जी ने कहा ये बहुत ही अच्छा इनिशिएटिव है। इससे समाज में बदलाव जरुर आएगा।
जहाँआरा जी ने बताया कि संस्था की संरक्षक श्रीमती संगीता शाक्य मानती हैं कि बिना उम्मीद के कुछ ऐसे रिश्तों को निभाया जाये, देख के उसे गमगीन हमसे भी न मुस्कराया जाये।
हमारा प्रयास होगा किसी को भूखा नहीं सोने देंगे। कोरोना के खिलाफ हमारी जंग जारी रहेगी। उन्होंने कहा शारीरिक दूरी सर्वोत्तम उपाय है।कोरोना जल्द खत्म हो इसके लिए सबको मिलकर अपने प्रयासों को जारी रखने की आवश्यकता है। तीन चीजें जरूरी हैं पहली एक गज की शारिरिक दूरी, दूसरी मास्क पहनना और तीसरी बात भीड़ न जुटाना। जीवन शैली में अब दूर से बातचीत करने की आदत बनानी होगी।
कोविड-19 रिलीफ कार्य के दौरान संस्था द्वारा ग्वालियर शहर में न्यू मेहरा कॉलोनी, महात्मा फुले नगर, मेहरा कॉलोनी, सुरेश नगर, बाथम धर्मशाला, कुम्हरपुरा, द्वारकाधीश मंदिर, नदीपार टाल, करवारी मोहल्ला, कबीर पार्क, तृप्ति नगर, शिवनगर, तारामाई कॉलोनी, तिकोनिया, गौतम नगर, हुरावली, गुड़ी, शिवाजी नगर, माधौपुरा, नारायन नगर, बजरिया, हरनाम पुरा बजरिया, ठाठीपुर मस्जिद, सिंधिया नगर, खजांची बाबा की बस्ती, आदिवासी मोहल्ला, सुरेश नगर के मलती, शिव नगर, अशोक कालोनी, गल्ला कोठर, कबीर कालोनी, सिरोल चौराहा आदि विभिन्न बस्तियों में, गरीब मज़दूर, महिला परिवार, कैंसर पीड़ित परिवार, घरेलू काम काजी महिलाओं एवं अति गरीब परिवारों को उपलब्ध करा रहे हैं।
सुनीता गौतम जी ने इस कार्य हेतु सहयोग उपलब्ध कराया।
इस अभियान में प्रमुख भूमिका शफी मोहम्मद कुरेशी (रिटा. आई.ए.एस. राजस्थान सरकार), डॉ अंजली जलज, डॉ. प्रवीण गौतम, के.एस.निमेष, नवजीत, डॉ. अलका श्रीवास्तव (अध्यक्ष, रानी लक्ष्मीबाई महिला नागरिक सहकारी बैंक), एस.एल.अटेरिया (सबलगढ़ मुरैना), जयजीत, डॉ. कुसुम चौधरी, सर्वेंद्र चौहान (एडवोकेट), इंजी. आर.एस.वर्मा (सीपीडब्ल्यूडी- पुणे) डॉ.एम.आर. रायपुरिया, शिवचरण मंडराई (भोपाल) गौहर खान (सतना) विजय शंकर निरत,(सिंगरौली), राजेंद्र सिंह कुश्तवार, निहाल चन्द्र शिवहरे (झाँसी ) गायत्री सोनकर (भोपाल) सुमंत निवारे, किशोर श्रीवास्तव, (हम सब साथ साथ हैं, नई दिल्ली) रामप्रसाद बसेडिया, उपेन्द्र श्रीवास्तव, श्याम सिंह राठौर (अध्यक्ष) राठौर कर्मचारी संघ ग्वालियर एवं सम्पादक राठौर चेतना पत्रिका, कपूरचंद (आगरा), गोहर खान(सतना), आर ए मित्तल आदि लोगों के सहयोग से अंजाम देने में लगे हुए हैं। इसी के साथ युवराज खरे, रनवीर सिंह, भवानी राज (मुन्ना), अरविन्द कुमार विजय, उपेन्द्र श्रीवास्तव, रेनू गूर्जर, ज्योति दोहरे, महामृत्युंजय, मंजू मसोरिया आदि का विशेष सहयोग रहा।
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