राकेश यादव, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

प्रधानमंत्री सड़क की पुल मरम्मत कार्य में घटिया निर्माण देखकर प्रदेश सरकार के केबिनेट मंत्री हर्ष यादव का पारा इस कदर चढ़ गया कि उन्होंने निर्माण स्थल पर उपस्थित ठेकेदार को जमकर लताड़ लगाई एवं फोन पर विभागीय अधिकारी को फटकारते हुए ठेकेदार पर कार्रवाई न होने पर नौकरी खा जाने की बात कही।

वित्त की कमी से जूझ रही प्रदेश की कमलनाथ सरकार भले ही खर्चो में कटौती कर धन के दुरूपयोग को लेकर सख्ती दिखा रही हो परंतु निर्माण ऐजेंसियों के अधिकारी सरकार की इस मंशा से सरोकार नहीं रखते। भ्रष्टाचार को लेकर कटघरें में पहुंची पिछली सरकार से सबक लेकर वर्तमान सरकार भले की फूंक फूंक कर कदम रख रही है लेकिन विभागीय अधिकारियों के रवैये में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। विगत रविवार को भ्रमण के दौरान केसली विकासखण्ड के ग्राम सहजपुर पहुंचे कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव ने प्रधानमंत्री सड़क योजना की ग्राम सहजपुर से तेंदुडाबर सड़क मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया। सड़क पर सहजपुर के समीप चल रहे 35 लाख लागत के पुल मरममत में पुल की अवेटमेंट वाल में नाले की काली मिट्टी भरी जा रही थी जिसमें मुरम भरकर न तो नियमानुसार वाटरिंग की जा रही थी न ही कॉपेक्शन व्यवस्था की गई थी। स्थल पर विभागीय यंत्री सहित अमला नदारद था जिसे देखकर मंत्री यादव आगबबूला हो गये। इस संबंध में उन्होंने जब मौके पर उपस्थित पेटी
ठेकेदार से पूछताछ की तो उसने गुमराह करने का प्रयास किया जिससे नाराज मंत्री ने उसे जमकर लताड़ लगाई एवं पूछा की निर्माण का स्टीमेट एवं ड्राईंग कहा है, तुम्हें किसने ठेकेदार बना दिया? बाद में दुरभाष पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी को आड़े हाथों लेते हुए मंत्री यादव ने ठेकेदार पर कार्रवाई का निर्देश दिया और स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि इस घटिया निर्माण का पेमेंट किया गया
तो तुम्हारी नौकरी खा जाउंगा। मंत्री फटकार के बाद हरकत में आये विभाग के सहायक प्रबंधक ए.के. मिश्रा ने कार्य का आनन फानन में निरीक्षण किया एवं निर्माण में सुधार की बात कही है। बचाव की मुद्रा में दिखे अधिकारी ठेकेदार पर कार्रवाई से कतरा रहे हैं।
निर्माण कार्य में चल रही है लीपापोती

प्रधानमंत्री सड़क के सहजपुर तेंदुडाबर मार्ग पर जीर्ण शीर्ण हो चुके इस पुल सहित सड़क का निर्माण लगभग 10 वर्ष पूर्व किया गया था। ग्रामीण दूरस्थ क्षेत्रों में आवागमन वाहनों की आवाजाही कम होने के बाद भी उक्त पुल क्षतिग्रस्त हो गया। ग्रामीणों की मांग पर जनप्रतिनिधियों की सिफारिश के बाद शुरू हुए विभाग के मरम्मत कार्य में गुणवत्ता एवं दिशा निर्देश ताक पर है। विभाग द्वारा पुल की मरम्मत में बनाये गये स्टीमेंट में दूरदर्शिता का आभाव है जिसके कारण कुछ ही समय में पुल धराशाई हो जायेगा। पुल रिटर्न बाल गुणवतता हीन है जिसकी निर्माण सामग्री छूने से गिर रही है, सरिये बाहर झांक रहे थे इसके बाद भी उसकी मरम्मत नहीं कराई गई है। विभाग द्वारा उक्त कार्य निर्माण ऐजेंसी मेसर्स अरूज हाईवे भोपाल से कराया जा रहा है जिसके द्वारा उक्त कार्य पेटी कांट्रेक्टर से कराया जा रहा है जिसके निर्देशन के लिए न तो विभागीय यंत्री मौजूद रहते हैं न ही विभाग के अधिकारियों द्वारा मानीटरिंग की जा रही है। मौजूदा मरम्मत कार्य में पुल के क्षतिग्रस्त पिलरों की मरम्मत न कर सिर्फ प्लास्टर किया जा रहा है। पुल के स्लिप निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग के कारण लोहा बाहर दिखाई दे रहा है। निर्माण सामग्री में स्थानीय नालों की घटिया रेत का प्रयोग किया जा रहा है जिससे भविष्य संदिग्ध है। प्रधानमंत्री सड़क के निर्माण एवं मरम्मत कार्यो में हो रही लीपापोती का यह पहला मामला नहीं है, देवरी एवं केसली विकासखण्ड में प्रधानमंत्री सड़कों की जर्जर स्थिति विभाग में चल रही भर्राशाही को उजागर कर रही है।
क्या कहते है अधिकारी
मंत्री जी ने कार्य का निरीक्षण किया था जिसमें गड़बड़ी की जानकारी मंत्री महोदय ने मुझे फोन पर दी थी। जिसका मैने आज निरीक्षण किया है जिसमें ठेकेदार द्वारा मुरम के स्थान पर काली मिट्टी डाली थी जिसको लेकर मैंने ठेकेदार को समझाइश दी है एवं कार्य में सुधार करने का निर्देश दिया है: ए.के. मिश्रा, सहायक प्रबंधक प्रधानमंत्री सड़क।
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