राजस्थान का कायमखानी बाहुल्य "बेरी-छोटी" गावं को भी अब अधिकारियों का खजाना माना जा सकता है | New India Times

अशफाक कायमखानी, जयपुर (राजस्थान), NIT:

राजस्थान का कायमखानी बाहुल्य "बेरी-छोटी" गावं को भी अब अधिकारियों का खजाना माना जा सकता है | New India Times


राजस्थान के मुस्लिम समुदाय की कायमखानी बिरादरी के अनेक गावं ऐसे हैं जहां से राज्य व भारतीय स्तर की विभिन्न सेवाओं के लिये आला मुकाम रखने वाले अधिकारियों की पैदावार समाज की शिक्षा के प्रति लगनता व समाजी एवं वतन की खिदमत को भलीभांति अंजाम देने के जज्बे के कारण होने लगी है। झाड़ोद व नुआ के एक एक कायमखानी खानदान के अलावा बेसवा गांव के अलग अलग घरो की तरह डीडवाना तहसील के बेरी-छोटी नामक गावं मे भी अलग अलग कायमखानी परिवारों से आला मुकाम रखने वाले अधिकारी बनने से आस पास के क्षेत्र में अब अलग तरह का खुसनुमा माहोल बनता नजर आने लगा है।
घर घर शिक्षा-घर घर शिक्षक के लिये पहचाने जाने वाले नागोर जिले के बेरी-छोटी गावं के मरहुम असगर खान एक अर्शे पहले तहसीलदार थे। वहीं राजस्थान पुलिस सेवा मे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लियाकत अली खान, उफ पुलिस अधीक्षक भंवर नैक मोहम्मद, राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सीनीयर अधिकारी फतेह मोहम्मद के अलावा मोहम्मद सद्दीक खान विजया बैंक के सीनियर प्रबंधक पद से सेवा निवृत्ति पा चुके है। इनके अतिरिक्त भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास करके डायरेक्ट भारतीय पुलिस सेवा IPS में आने वाली असलम खान भी इसी गावं की लाडली है जबकि नाजीम अली खान वर्तमान में राजस्थान पुलिस सेवा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद पर सेवारत हैं। दूसरी तरफ इसी गावं के बेटे खान मोहम्मद भाभा ऐटोमिक रिसर्च सेंटर में वैज्ञानिक हैं।
उक्त सेवाओं के अलावा सामाजिक कुरीतियों से दूर आदर्श गावं के तौर पर पहचान बना चुके बेरी गावं के लाडले कय्यूम खान फौज में लेफ्टिनेंट कर्नल व जावेद खान मेजर भी वर्तमान समय मे सेवारत होकर वतन की हिफाजत में अहम किरदार अदा कर रहे हैं।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान के झाड़ोद, नुआ, बेसवा व बेरी गावं की तरह अन्य गावो से भी राज्य व भारतीय स्तर की विभिन्न सेवाओं के अधिकारी लगातार निकलने लगे तो समाज में शिक्षा के प्रति लगाव व जीवन के लिये बेहतरी का आलम देखा जा सकेगा।


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