अशफाक कायमखानी, सीकर/जयपुर (राजस्थान), NIT:
1SSHA के दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस के उद्घाटन के बाद पहले दिन आमंत्रित वक्ताओं द्वारा इंटरनेशनल कांफ्रेंस में देश विदेश की कई फैकल्टी एवं रिसर्च स्कॉलर, स्टूडेंट्स ने भाग लेकर अपने अपने पेपर प्रस्तुत किये। कांफ्रेंस को भँवर सिंह भाटी उच्च शिक्षा मंत्री व प्रदीप कुमार बोरड़ IAS, स्पेशल सेकेट्री हायर एजुकेशन ने भी सम्बोधित किया और अखिलेश घनश्याम तिवारी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
कांफ्रेंस में सभी वक्ताओं ने महिला सशक्तिकरण के प्रति जागृति लाने वाले सर सैय्यद वाहिद चौहान की प्रशंसा करते हुये इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस को इंटरनेशनल प्रोग्राम बनाने पर एक्सीलेंस नॉलेज सिटी फ़ॉर गर्ल्स की प्रशंसा की। कांफ्रेस में शामिल सभी शिक्षाविदों ने एक्सीलेंस परिसर को पूरे शेखावाटी का सबसे बेहतरीन और खूबसूरत कैंपस के खिताब से भी नवाजा।
वाहिद चौहान ने जेंडर इक्वलिटी (Gender Equvality) सब्जेक्ट पर बोलते हुए कहा कि 35 साल पहले उन्होंने देखा कि मुस्लिम समाज में शिक्षा के मैदान में बेटियों को बराबर का मौका नहीं दिया जा रहा है। जिससे समाज में इन्बैलेंस हो रहा है। उन्होंने इस नाइंसाफी के खिलाफ मुहिम चलाई, लोगों की घोर मुख़ालफ़त का सामना किया और आखिर में सीकर की बेटियों को उनका हक़ दिलवाने में आज कामियाब हुये। जिसका अच्छा नतीज़ा यह हुआ कि आज लड़कों से ज़्यादा लड़कियाँ शिक्षित हो रही हैं लेकिन बुरा नतीज़ा यह निकला है कि लड़के लड़कियों के मुक़ाबले में काफ़ी कम शिक्षित हो रहे हैं जिस से समाज में फिर से इन्बैलेंस हो रहा है। अगर इस पर फौरन ध्यान नहीं दिया गया तो आगे जाकर समाज को बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए वाहिद चौहान ने एक बार फिर से यह ज़िम्मेदारी उठाते हुए लड़कों के लिए अगले सेशन से अपनी जामा मस्जिद के पीछे वाली बिल्डिंग में ENGLISH MEDIUM CBSE, EXCELLENCE BOYS SCHOOL शुरू करने का इरादा जताया। इस काम में वो अब अकेले नहीं हैं बल्कि उनके बेटे रिज़वान चौहान भी उनके साथ होंगे।
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