परशुराम साहू, देवरी/सागर (मप्र), NIT:
मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद सभी को यह उम्मीद जगी थी कि शिक्षा का स्तर सुधरेगा एवं प्रदेश में शिक्षा का प्रतिशत बढ़ेगा मगर सरकार के ही नुमाइंदे उस आदेश को ठेंगा बता रहे हैं और अब तो बाल श्रम कानून का भी खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं।
ताजा मामला ग्राम पंचायत चिरचिटा सुखजू का सामने आया है जहां पर करीब 13 लाख की लागत से पुलिया का निर्माण कार्य चल रहा है। इसमें भ्रष्टाचार तो खुलेआम चल ही रहा है इसी के साथ-साथ बाल श्रम कानून की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और विभाग के जिम्मेदार लोग लापरवाह बनें हुए हैं। हम आपको यहां बताते चले कि ग्राम पंचायत चिरचिटा सुखजू में 13 लाख रुपए की लागत से बन रही पुलिया में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।इसी को लेकर लगातर खबरें प्रकाशित की जा रही है। वहीं हम आपको बता दे कि इस 13 लाख रुपए की पुलिया में भ्रष्टाचार तो किया जा रहा है उसी के साथ बाल श्रम कानून की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है।
हम आपको यहां बताते चले कि ग्राम पंचायत में निवास करने वाले आदिवासी बच्चों को कम रेट पर काम करवाया जा रहा है।
यहां आपको 16-17 साल के बच्चे पुलिया में वजनदार काम कर रहे हैं। वह तस्वीरें हमारे कैमरे में कैद हुई हैं।
अब यहां पर जिम्मेदारी बात यह है कि जब सरकार के सरकारी पदों पर बैठे व्यक्ति सबकुछ जानते हुए भी इस नियम की धज्जियां उडा रहे हैं तो वाकी लोगों का क्या कहना। इस ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव एवं सरपंच के द्वारा लापरवाही बरती जा रही है इन पर कार्यवाही होनी चाहिए।
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर ऐसे लोगों के द्वारा ही कमजोर किया जाता रहा है।इन लोगों पर नियम अनुसार एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।जिससे कि आगे कोई भी व्यक्ति बच्चों से काम कराने के बारे मे सौ बार सोचें।
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