वन विभाग में भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़ा: वन विभाग के कर्मियों ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार करने का आरोप, रिश्वत न देने पर कई वन कर्मियों को किया गया नौकरी से बाहर | New India Times

त्रिवेंद्र जाट, देवरी/सागर (मप्र), NIT:

वन विभाग में भ्रष्टाचार व फर्जीवाड़ा: वन विभाग के कर्मियों ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार करने का आरोप, रिश्वत न देने पर कई वन कर्मियों को किया गया नौकरी से बाहर | New India Times

सागर जिला के देवरी क्षेत्र के वन कर्मियों ने अपने ही अधिकारियों भ्रष्टाचार करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। रिश्वत न देने पर कुछ वन कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है।

देवरी क्षेत्र के केसली ब्लाक के बीट चौका में वन विभाग के वन आरक्षक व प्रभारी डिप्टी रेंजर व अन्य अधिकारियों पर उनके ही विभाग के वन सुरक्षाकर्मियों ने भारी भ्रष्ट्राचार व रिश्वत लेने के आरोप लगाये हैं। बीट चौका में वन सुरक्षाकर्मी महेश पटेल ग्राम अधारपुर, करण सिंह राजपूत ग्राम मंगेला, हल्के वीर गौड ग्राम गुवारी झिरिया, रामकृष्ण लोधी ग्राम बेडार ने अपने ही अधिकारी डिप्टी रेन्जर जमना प्रजापति व वन संरक्षक विनोद जाटव पर आरोप लगाया है कि दोनों के द्वारा हर माह 3600 वेतन में से एक हजार रुपये रिश्वत मांगी गई और रिश्वत न देने पर नौकरी से हटा कर बाहर कर दिया गया व दूसरे सुरक्षा कर्मी रख लिये गये जबकि ये चारों लगभग 17 वर्षों से वन सुरक्षा कर्मी के पद पर नौकरी कर रहे थे। चारों लोगों में से एक का दस माह का व अन्य का तीन माह का वेतन भी नहीं दिया गया है। चारों सुरक्षा कर्मियों का आरोप है कि इनका वेतन किसी अन्य के खातों में डालकर पैसे खा लिये गये हैं। चारों वन सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि चौका बीट में जो तार फेसिंग के लिये आया था व जो एक हजार ईंट बीट में रखी थी वह विनोद जाटव वन संरक्षक द्वारा बेच दी गई है व वन संरक्षक व डिप्टी रेंजर द्वारा दबई जंगल से लकड़ी कटवाकर सरकारी गाड़ी से लकडी ज़गल से घर लाकर सोफा व पलंग बनवाये गये हैं व जंगल की लकड़ी फर्नीचर वालो को सरकारी गाड़ी से लाकर बेचते हैं। सोना पटेल आशा कार्यकर्ता अधारपुर के खाते में विनोद जाटव वन संरक्षक द्वारा 2475 रूपये मजदूरी राशि के डाले गये व फिर उनके भाई के खाते में मुरेना में ट्रान्सर्फर कर दिये गये जबकि सोना पटेल सरकारी कर्मचारी है व कभी मजदूरी भी नहीं की है फिर भी राशि डाली गई। ऐसे कई लोग हैं जिनको 200 रूपये दिये जाते हैं तथा उनके खाते में सरकारी काम की मजदूरी के 5 हजार या 10 हजार तक डालकर फर्जीवाडा करके खाते से निकलवा लिये जाते हैं। ऐसे कुछ नाम है जिनके नाम पर फर्जी तरीके से पैसे डाले गये हैं जिनकी जांच से स्पष्ट हो जायेगा कि किस तरह से भ्रष्ट्राचार हो रहा है।

जानकारी के अनुसार अजय पटेल पिता महेश पटेल, सोना पतिमहेश पटेल, गोविंद रानी पति राकेश, भगवत प्रसाद पिता रामचरण ब्रह्मण मोहन गौड, रूपसीग पिता तेजबल गौड़ आदि ऐसे कर्ई नाम हैं जिऩके नाम पर सरकारी पैसे की राशि मजदूरी के नाम पर निकाले गये। सुरक्षा कर्मी हल्केवीर गौड़ ने बताया कि उनके परिवार के सदस्य राजेश गौड़, सीतारानी गौड़, गोविंद गौड़, रीता गौड़ के डिप्टी रेंजर व वन संरक्षक ने खाते मंगाकर सभी के खातों में 40 हजार प्रति व्यक्ति के डाले गये जो कि उनके खातों से 1लाख 60 हजार की राशि निकलवाकर उन लोगों को मात्र मजदूरी के तौर पर 200 रूपये मात्र दिये गये। ऐसा खेल बहुत समय से चल रहा है यदि जांच की जाये तो ऐसे कर्ई नाम फर्जीवाड़ा में उजागर होंगे व लाखों का अधिकारीयो द्वारा किया जाने वाला भ्रष्ट्राचार सामने आयेगा।

चारों सुरक्षा कर्मीयों को नौकरी से हटा दिया गया है। इन लोगों ने रेन्जर देवरी व एस.डी.ओ वन-विभाग देवरी तक शिकायत करके कई बार न्याय की गुहार लगायी व भ्रष्ट्राचार की जांच की मांग की मगर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई और न ही न्याय मिला व न ही डिप्टी रेन्जर, आफिस के बावू व वन संरक्षक के द्वारा किया गये भ्रष्ट्राचार की जांच की गई है।


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