अकबरपुर जल निगम ने अमृत योजना के तहत खोदे गड्ढों को छोड़ा अधूरा, जल निगम की लापरवाही नगर वासियों के लिये बनी मुसीबत, बड़े हादसे का खतरा | New India Times

गणेश मौर्य, ब्यूरो चीफ, अंबेडकरनगर (यूपी), NIT:

अकबरपुर जल निगम ने अमृत योजना के तहत खोदे गड्ढों को छोड़ा अधूरा, जल निगम की लापरवाही नगर वासियों के लिये बनी मुसीबत, बड़े हादसे का खतरा | New India Times

अमृत योजनाओं को लेकर सड़कों एवं उसके किनारे पर लगातार खुदाई होने से यहां की जनता को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा समस्या स्कूल के छात्र छात्राओं एवं मरीजों को झेलनी पड़ रही है।

जल निगम ने अकबरपुर नगर पालिका क्षेत्र में अमृत योजना के तहत सिविल लाइन डालने के लिए सड़क को खोदकर अधूरा छोड़ दिया है। नगर पालिका प्रशासन द्वारा जल निगम के अधिकारियों को सूचना भी दी गई मगर अधिकारी कुछ और ही बोल रहे हैं और अकबरपुर नगर पालिका क्षेत्र को नर्क बनाने की मुहिम छेड़ रखी है। जल निगम ने अकबरपुर नगर में अमृत योजना के तहत कराए जा रहे कार्य ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। योजना के तहत पाइप लाइन डालने के लिए सड़कें तो खुदवा दी गई लेकिन उसे दुरुस्त नहीं कराया गया। यही नहीं नालियां टूट जाने से गंदा पानी सड़कों पर भर रहा है। गड्ढायुक्त सड़क पर पानी भरने से आए दिन राहगीर इसमें गिरकर चोटिल हो रहे हैं। इन सड़कों के जख्मों को देखकर लोग जख्मी हो रहे हैं इसके चलते यहां के लोगों में खासी नाराजगी है। इलाकाई लोगों में इस बात से ज्यादा आक्रोश है कि जिम्मेदारों से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
शहर में अमृत योजना के तहत जल निगम की ओर से पाइप लाइन डालने के लिए सड़कों को खोदा जा रहा है। काम पूरा होने के बाद ठेकेदार सड़क को सही नहीं कराते। इससे मोहल्ले वालों को परेशानी हो रही है। अकबरपुर नगर पालिका में 25 वार्ड बने हुए हैं, वार्डों में जल आपूर्ति के अमृत योजना के तहत पाइप लाइन डालने के लिए सड़क की खुदाई की गई थी लेकिन अभी तक उसे दुरुस्त नहीं कराया जा सका है। हाल यह है कि सड़क खुदी होने और नालियां टूट जाने से घरों का निकलने वाला गंदा पानी भी सड़क पर भर रहा है। इस गली से रोजाना सैकड़ों लोग पैदल, बाइक से निकलते हैं। इससे लोगों को खासी परेशानी हो रही हैं।

नगर पालिका अधिशासी अधिकारी सुरेश मौर्य ने जल निगम व संबंधित विभाग के बड़े अफसरों को इस बारे में कई मर्तबा अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक नतीजा सिफर ही रहा है। नवरात्रि के पहले अगर जल निगम के संबंधित ठेकेदारों द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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