वी.के.त्रिवेदी, ब्यूरो चीफ, लखीमपुर-खीरी (यूपी), NIT:
जिला सिंचाई विभाग के नहरों की सिल्ट सफाई के काम पर जांच बैठाई गयी थी लेकिन सिल्ट सफाई के बाद टेल तक नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। इसकी जांच के लिए सीडीओ भी नहरों और माइनरों पर पहुंच कर जांच की थी। इसके अलावा पीडी और डीडीओ ने भी नहरों मे जाकर जांच की थी। बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी किन्तु नहरों में पानी न पहुंचने से किसानों की फसलें सूख रही हैं और सिल्ट सफाई का काम केवल कागजों तक ही सीमित रहा है जिसके चलते किसानों की फसलें सूख रही हैं।
जनपद में नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य देखने के लिए जिला विकास अधिकारी अरविन्द कुमार ने गोला ब्लॉक की नहरों, माइनरों आदि पर जाकर देखा कि पानी टेल तक पहुंच रहा है या नहीं। सिंचाई विभाग हर साल मई व जून महीने में नहरों की सिल्ट सफाई कराता है। इस पर लाखों रुपए खर्च होते हैं। सरकार की मंशा है कि सिल्ट सफाई के बाद नहरों में टेल तक पानी पहुंच जाएगा तो किसानों को सिंचाई आदि में दिक्कत नहीं होगी पर सिंचाई विभाग के सिल्ट सफाई कार्य पर अक्सर सवाल उठने लगते हैं। इस बार भी यही हुआ तो प्रशासन ने सत्यापन शुरू किया और शहर के किनारे नहरों की सिल्ट सफाई का कार्य केवल पाया गया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में नहरों का पानी न पहुंचने से सिंचाई बाधित हो रही है। किसानों ने नहर विभाग के अधिकारियों पर गोल माल का भी आरोप लगाया है। नहरों के सफाई का निरीक्षण सीडीओ रवि रंजन खुद ही सत्यापन के लिए नहरों, माइनरों पर पहुंचे थे। बताया जाता है कि जिले के 15 ब्लॉकों से जितनी भी नहरें माइनर निकले हैं सभी का सत्यापन किया गया है। पांच ब्लॉकों में सत्यापन सीडीओ के द्वारा किया गया था और पांच में परियोजना निदेशक और पांच ब्लॉकों में सत्यापन जिला विकास अधिकारी ने किया था। डीडीओ अरविन्द कुमार नहरों व माइनरों का सत्यापन करने के लिए गोला ब्लॉक के गांवों में पहुंचे थे। बताया जाता है कि पूर्व परियोजना निदेशक रामकृपाल चौधरी ने सत्यापन कर रिपोर्ट दी थी। डीडीओ ने बताया था कि नहर विभाग के कार्य की जांच रिपोर्ट तैयार कर सीडीओ को सौंप दी जाएगी। सत्यापन शुरू होने से सिंचाई विभाग के अधिकारियों ठेकेदारों में हड़कम्प भी मचा था लेकिन जांच में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिससे किसी अधिकारी पर कोई कार्रवाई हो इसीलिए अब किसानों के खेतों तक नहरों का पानी नहीं पहुंच रहा है और सिंचाई बाधित हो रही है।
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